मथुरा [विनीत कुमार मिश्रा]। ये जुनून और कुछ अलग करने का उदाहरण है। केरल से चार डाक्टर दोस्तों को भारत भ्रमण करने की धुन सवार हुई। इसके लिए आटो खरीदा और चल पड़े भारत की सैर करने। अब तक आठ हजार किमी सफर करने वाले चारों दोस्त शुक्रवार को वृंदावन पहुंचे। यहां आकर गदगद हो गए। अब ये दोस्त नेपाल और भूटान की भी सैर करेंगे।
मन में हुई कुछ अलग करने की इच्छा
डाक्टर अभिजीत केरल के त्रिवेंद्रम के रहने वाले हैं। उनके मन कुछ अलग करने की इच्छा हुई। मन हुआ कि क्यों न भारत का भ्रमण किया जाए। सब जगह की संस्कृति के बारे में जाना जाए। उन्होंने अपने तीन दोस्त फजल, दानिश और निशाद से बात की। सभी ने हां कर दी। फजल का अपना होटल है। दानिश सीए हैं और निशाद पुरानी गाड़ी को बिक्री करने का काम करते हैं।
आटो खरीदकर किया मोडिफाइड
फिर इन्होंने एक आटो खरीदा दिया। इसके पंजीकरण केरल में ही व्यक्तिगत वाहन के रूप में कराया। इसे मोडिफाइड किया गया। आटो में पीछे एक व्यक्ति के सोने की व्यवस्था की गई है। मोबाइल चार्ज करने का भी प्वाइंट है। इसी आटो में सफर के दौरान खाना बनाने का सामान भी है।
जहां रुकते हैं, वहां टेंट खुद लगाते हैं। इसी वर्ष छह अगस्त को चारों ने भारत भ्रमण शुरू किया। त्रिवेंद्रम से सफर शुरू हुई तो 450 किमी तक कन्याकुमारी का सफर चार दिन में पूरा हुआ। यहां से लेह-लद्दाख को निकले।
अब तक आठ हजार किमी का सफर
अब तक चारों दोस्त महाराष्ट्र, गुजरात, राजस्थान, हरियाणा, पंजाब, जम्मू कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड तक यात्रा कर चुके हैं। इसके बाद उत्तर प्रदेश पहुंचे। वह कहते हैं कि सफर के दौरान दुर्गम स्थान भी आए। लेकिन उन्होंने आटो से ही सफर तय किया है। शनिवार को ये लोग आगरा पहुंचे। यहां से लखनऊ होते हुए गोरखपुर और फिर यहां से नेपाल की यात्रा करेंगे। नेपाल के बाद भूटान की यात्रा करेंगे।
खुद ही बनाते हैं खाना
अभिजीत ने बताया कि वह टेंट और खाने का सामान साथ लेकर चलते हैं। दिन भर सफर करने के बाद रात में विश्राम करते हैं। कहीं पेट्रोल पंप पर रुकते हैं कहीं गुरुद्वारा और अन्य स्थानों पर रुक जाते हैं। रात में टेंट लगाकर सोते हैं और खुद ही चारों लोग मिलकर खाना बनाते हैं।
Edited By: Shivam Yadav
श्रेय: स्रोत लिंक
इस बारे में चर्चा post