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– फोटो : amar ujala
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अदालत ने जूनियर पहलवान सागर धनखड़ हत्या मामले में ओलंपियन सुशील पहलवान, अंतरराष्ट्रीय पहलवान अनिरुद्ध दहिया सहित 18 आरोपियों के खिलाफ 10 नवंबर से मुकदमा शुरु करने का निर्देश दिया है। सभी आरोपियों ने अपराध स्वीकार करने से इन्कार कर दिया। इसके बाद अदालत ने उनके खिलाफ मुकदमा शुरू करने के निर्देश दिए।
रोहिणी कोर्ट के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश शिवाजी आनंद के समक्ष शनिवार को कड़ी सुरक्षा में आरोपी सुशील कुमार, राजकुमार, अजय कुमार, मंजीत उर्फ चुन्नीलाल, गुलाब, रोहित मलिक उर्फ सोनू, बिजेंदर उर्फ बाइंडर, अनिरुद्ध दहिया, सुभाष, गौरव लौरा, सुरजीत ग्रेवाल उर्फ काला, अनिल धीमान, प्रवीण डबास पुत्र स्व. साहिब सिंह, प्रवीण उर्फ छोटी पुत्र सतपाल उर्फ सत्तू, राहुल उर्फ ढांडा, परवीन डबास पुत्र सुरेश उर्फ गुनिया को तिहाड़ जेल से पेश किया गया।
वहीं आरोपी मोहित उर्फ भोली व भूपेंद्र उर्फ भूप्पी को झज्जर जेल से पेश किया गया। अदालत ने आरोपियों से पूछा कि उनके खिलाफ मुकदमा चलाने के पर्याप्त साक्ष्य है। क्या वे अपना अपराध स्वीकार करते है। आरोपियों ने अपराध स्वीकार करने से इनकार करते हुए कहा कि वे मुकदमें का सामना करना चाहते हैं।
वीडियो कांफ्रेसिंग से जरिये पेश होंगे सभी आरोपी
अदालत ने आरोपियों द्वारा दिए तर्क पर अभियोजन पक्ष को मामले में गवाहों को पेश करने का निर्देश देते हुए सुनवाई 10 नवंबर तय कर दी। अदालत ने जेल अधीक्षक को सभी आरोपियों को वीडियों कांफ्रेसिंग के जरिए पेश करने का निर्देश दिया है।
सुनवाई के दौरान आरोपी सुरजीत ग्रेवाल उर्फ काला को सॉफ्ट स्पोर्ट्स शूज की अनुमति देने की अनुमति प्रदान करने के लिए आवेदन दायर किया। आरोपी के वकील ने कहा कि पूछताछ के दौरान उसने बाएं पैर का लिगामेंट नष्ट कर दिया है और कुछ चोटें भी आई हैं। उन्होंने आगे कहा है कि चलने और अपनी दैनिक दिनचर्या के प्राकृतिक व्यायाम करते समय उन्हें दर्द हो रहा है और जेल परिसर के अंदर और बाहर उन्हें फीते के साथ साफॅट खेल के जूते पहनने की अनुमति देने का आग्रह किया।
अदालत ने संबंधित जेल अधीक्षक को उक्त आवेदन पर नियमानुसार विचार करने का निर्देश दिया है। उक्त आवेदन की चिकित्सा रिपोर्ट भी संबंधित चिकित्सा अधीक्षक जेल को अगली तिथि को पेश करने का निर्देश दिया है। अदालत ने हाल ही में सभी के खिलाफ अभियोग तय करते हुए कहा था कि उनके खिलाफ हत्या, हत्या के प्रयास, दंगा, गैरकानूनी रूप से इकट्ठा होने और आपराधिक साजिश सहित अन्य धाराओं के तहत मुकदमा चलाने के लिए पर्याप्त साक्ष्य हैं।
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