भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग।
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भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) के अध्यक्ष अशोक कुमार गुप्ता ने शनिवार को कहा कि देश में डिजिटल बाजार से जुड़ी चुनौतियों से निपटने के लिए विशेषज्ञों की नियुक्ति की जाएगी। उन्होने बताया कि आयोग लगातार अपनी नीतियों को धार दे रहा है। सोशल नेटवर्किंग, ऑनलाइन मार्केटप्लेस, एप स्टोर, पेमेंट गेटवे, ऑनलाइन ट्रैवल और फूड सर्विस एग्रीगेटर से जुड़े कई मामले सीसीआई के सामने आ चुके हैं। इन मामलों में डाटा कलेक्शन के तरीके, संदिग्ध लगने वाली भारी छूट और अनुचित लाभ की प्रवृत्तियों जैसे मुद्दे उठे हैं।
उन्होंने कहा कि भारत में डिजिटल बाजार में विश्व की श्रेष्ठ परिपाटियों को लागू करने के लिए लगातार नीतियों को बेहतर बनाया जा रहा है। इसके लिए सीसीआई के तहत अलग से डिजिटल मार्केट्स एंड डाटा यूनिट (डीएमडीयू) स्थापित करने की प्रक्रिया जारी है, साथ ही कानून, अर्थशास्त्र, वित्त के साथ-साथ नई तकनीक, डाटा और एल्गोरिदम से जुड़े विशेषज्ञ भी भर्ती किए जा रहे हैं।
निगरानी बंद नहीं कर सकते
एसोचैम और सीसीआई की तरफ से आयोजित सम्मेलन में गुप्ता ने कहा कि एक नियामक के तौर पर उन चुनौतियों से नजरें नहीं हटा सकते जो बाजार की बड़ी ताकत बनकर उभरे तकनीकी प्लेटफॉर्म बाजार भागीदारों के सामने पेश कर रहे हैं।
- खासतौर पर उन्हें दरकिनार नहीं किया जा सकता, तो डिजिटल बाजार के दिग्गजों से प्रतिस्पर्धा कर रहे हैं या फिर इनपर निर्भर हैं।
नियमों के बोझ तले दबाना मकसद नहीं
अशोक गुप्ता ने कहा कि सीसीआई का मकसद गैर-जरूरी नियमों के अनुपालन का बोझ डालना नहीं है। बल्कि, देश में व्यावसायिक माहौल को स्वस्थ व प्रतिस्पर्धी बनाए रखना है। उन्होंने बताया, सीसीआई 13 साल पहले स्थापित हुआ। तब से सीमेंट, टायर, रीयल इस्टेट, फार्मा, मनोरंजन, कोयला व डिजिटल बाजार में नियामक के तौर पर दखल दिया है।
- उन्होंने कहा कि डिजिटल बाजार से जुड़े व्यवसायों में इस तरह परिपाटियां अपनाए जाने की जरूरत है, जो विधिसम्मत हों और नियामक व उद्योग के बीच भरोसा जगाएं। यह भारतीय डिजिटल बाजार को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा के योग्य भी बनाएगा।
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