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– फोटो : अमर उजाला
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आगरा फोर्ट डिपो में डीजल चोरी का खेल चल रहा है। जसवंत नगर से आगरा फोर्ट डिपो की बस को खींचकर लाए जाने के दौरान उसमें 80 लीटर डीजल कम हो गया। जांच की गई तो पता चला कि संविदा चालक ने साथियों के साथ मिलकर रास्ते में डीजल बेच दिया। इस मामले में आगरा फोर्ट के एआरएम ने चालक की संविदा समाप्त कर दी है।
घटना नौ अक्तूबर की है। कानपुर के नजदीक आगरा फोर्ट डिपो की बस दुर्घटनाग्रस्त हो गई थी। इसे जसवंत नगर से खींचकर लाने के लिए फोर्ट डिपो से रैकर गाड़ी भेजी गई थी। बस पर संविदा चालक जितेंद्र सिंह तैनात थे। बस को जब डिपो में लाया गया तो 170 लीटर डीजल की खपत बताई गई, जबकि बस को खींचकर लाया गया था। बिना इंजन चले डीजल की खपत नहीं हो सकती है।
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शक होने पर डीजल चोरी की जांच की गई। गाड़ी के साथ गए कर्मचारियों के बयान लिए तो उन्होंने रास्ते में डीजल बेचे जाने का खुलासा किया। जांच के बाद चालक जितेंद्र सिंह की प्रतिभूति धनराशि से डीजल के 7200 रुपये समायोजित करके उसकी संविदा को खत्म की गई है। एआरएम फोर्ट जयकरन सिंह ने बताया कि चालक ने साथियों के साथ मिलकर डीजल चोरी की थी। जांच के बाद उसे हटाया गया है।
पहले भी पकड़ा गया घपला
आगरा फोर्ट डिपो में पिछले दिनों 50 हजार रुपये से ज्यादा के डीजल का घपला पकड़ा गया था। आरोप है कि तब इस मामले को रोडवेज अधिकारियों ने दबा दिया। लीपापोती के बाद डिपो के प्रभारी के वेतन से कटौती की जा रही है। संविदा के चालकों का कहना है कि डीजल चोरी में विभाग के कर्मचारियों की मिलीभगत रहती है।
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