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अनुज शर्मा
करनाल। बदलती जीवनशैली और असंतुलित खानपान के कारण बुजुर्गों के बाद युवाओं में भी गठिया रोग बढ़ रहा है। युवाओं का उनकी लंबाई के अनुसार वजन नहीं है। जिससे शरीर का सारा वजन उनके घुटनों और शरीर के प्रत्येक जोड़ पर पड़ रहा है। ऐसे में युवा गठिया रोग का शिकार हो रहे हैं। वहीं, घुटनों का जरूरत से ज्यादा प्रयोग करने से भी गठिया रोग बढ़ रहा है। जिला नागरिक अस्पताल के हड्डी रोग विशेषज्ञ की ओपीडी पर नजर डालें तो रोजाना उनकी ओपीडी में 150 मरीज पहुंचे रहे हैं, इनमें 40 युवा शामिल हैं। जो कि चिंता का विषय है।
हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ. सौरभ ने बताया कि गठिया रोग हमारे जोड़ों के स्वास्थ्य के लिए एक बड़ी समस्या है। इस रोग से दुनियाभर के करोड़ों लोग परेशान हैं। गठिया रोग ज्यादातर 50 साल की उम्र के बाद होता था, लेकिन आज बदलती जीवनशैली की वजह से यह रोग 35 साल तक के युवाओं में भी देखा जा रहा है।
पुरुषों की तुलना में महिलाओं में यह समस्या ज्यादा देखने को मिलती है, खासतौर से वे जिनका वजन ज्यादा हो। इसकी शुरूआत शरीर के किसी भी जोड़ से हो सकती है और समय के साथ-साथ यह शरीर के बाकी जोड़ों को भी प्रभावित कर सकता है। उन्होंने बताया कि शरीर में जोड़ों को नर्म और लचीला बनाए रखने के लिए जोड़ों के बीच में कार्टिलेज होता है। जो जोड़ों पर पड़ने वाले दबाव को कम करता है। जब ये कम होने लगता है तो हड्डियों के जोड़ों पर दबाव पड़ने लगता है। जिससे जोड़ों में दर्द की समस्या पैदा होती है। संवाद
जागरूकता का अभाव
डॉ. सौरभ ने बताया कि उनकी ओपीडी में रोजाना 150 मरीज पहुंच रहे हैं, इनमें 40 युवा शामिल हैं। वहीं इसमें ध्यान देने वाली बात ये है कि प्रतिमाह उनकी ओपीडी में पांच केस ऐसे आ रहे हैं। जिन मरीजों के पास घुटने बदलवाने के अलावा और कोई रास्ता नहीं है। ऐसा सिर्फ जागरूकता की कमी के कारण हो रहा है। अगर मरीज समय रहते विशेषज्ञ के पास आ जाए तो यह नौबत नहीं आती।
गठिया रोग के लक्षण
घुटने, कंधे, कूल्हे और हाथ-पैर में दर्द, जोड़ों में दर्द, उठने-बैठने में परेशानी, दर्द के बाद जोड़ों में सूजन, खून की कमी होना।
इनका सेवन फायदेमंद
मौसमी, संतरा, अनानास, कीवी, नींबू, सेब जैसे विटामिन युक्त फलों का सेवन करें। वहीं लहसुन, अदरक, हल्दी, ब्रोकली, जामुन, पालक, टमाटर, कद्दू आदि खाएं।
क्या नहीं खाएं
ज्यादा ठंडे पदार्थ खाने से परहेज करे। मैदा युक्त पदार्थों से दूर रहें। कैफीन का अधिक इस्तेमाल करने से बचें, घी या तेल से बने पदार्थ न खाएं, ज्यादा नमक और शक्कर खाने से बचें।
अनुज शर्मा
करनाल। बदलती जीवनशैली और असंतुलित खानपान के कारण बुजुर्गों के बाद युवाओं में भी गठिया रोग बढ़ रहा है। युवाओं का उनकी लंबाई के अनुसार वजन नहीं है। जिससे शरीर का सारा वजन उनके घुटनों और शरीर के प्रत्येक जोड़ पर पड़ रहा है। ऐसे में युवा गठिया रोग का शिकार हो रहे हैं। वहीं, घुटनों का जरूरत से ज्यादा प्रयोग करने से भी गठिया रोग बढ़ रहा है। जिला नागरिक अस्पताल के हड्डी रोग विशेषज्ञ की ओपीडी पर नजर डालें तो रोजाना उनकी ओपीडी में 150 मरीज पहुंचे रहे हैं, इनमें 40 युवा शामिल हैं। जो कि चिंता का विषय है।
हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ. सौरभ ने बताया कि गठिया रोग हमारे जोड़ों के स्वास्थ्य के लिए एक बड़ी समस्या है। इस रोग से दुनियाभर के करोड़ों लोग परेशान हैं। गठिया रोग ज्यादातर 50 साल की उम्र के बाद होता था, लेकिन आज बदलती जीवनशैली की वजह से यह रोग 35 साल तक के युवाओं में भी देखा जा रहा है।
पुरुषों की तुलना में महिलाओं में यह समस्या ज्यादा देखने को मिलती है, खासतौर से वे जिनका वजन ज्यादा हो। इसकी शुरूआत शरीर के किसी भी जोड़ से हो सकती है और समय के साथ-साथ यह शरीर के बाकी जोड़ों को भी प्रभावित कर सकता है। उन्होंने बताया कि शरीर में जोड़ों को नर्म और लचीला बनाए रखने के लिए जोड़ों के बीच में कार्टिलेज होता है। जो जोड़ों पर पड़ने वाले दबाव को कम करता है। जब ये कम होने लगता है तो हड्डियों के जोड़ों पर दबाव पड़ने लगता है। जिससे जोड़ों में दर्द की समस्या पैदा होती है। संवाद
जागरूकता का अभाव
डॉ. सौरभ ने बताया कि उनकी ओपीडी में रोजाना 150 मरीज पहुंच रहे हैं, इनमें 40 युवा शामिल हैं। वहीं इसमें ध्यान देने वाली बात ये है कि प्रतिमाह उनकी ओपीडी में पांच केस ऐसे आ रहे हैं। जिन मरीजों के पास घुटने बदलवाने के अलावा और कोई रास्ता नहीं है। ऐसा सिर्फ जागरूकता की कमी के कारण हो रहा है। अगर मरीज समय रहते विशेषज्ञ के पास आ जाए तो यह नौबत नहीं आती।
गठिया रोग के लक्षण
घुटने, कंधे, कूल्हे और हाथ-पैर में दर्द, जोड़ों में दर्द, उठने-बैठने में परेशानी, दर्द के बाद जोड़ों में सूजन, खून की कमी होना।
इनका सेवन फायदेमंद
मौसमी, संतरा, अनानास, कीवी, नींबू, सेब जैसे विटामिन युक्त फलों का सेवन करें। वहीं लहसुन, अदरक, हल्दी, ब्रोकली, जामुन, पालक, टमाटर, कद्दू आदि खाएं।
क्या नहीं खाएं
ज्यादा ठंडे पदार्थ खाने से परहेज करे। मैदा युक्त पदार्थों से दूर रहें। कैफीन का अधिक इस्तेमाल करने से बचें, घी या तेल से बने पदार्थ न खाएं, ज्यादा नमक और शक्कर खाने से बचें।
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