हाइलाइट्स
हिंदू धर्म में कई खास मौकों पर दीपदान का बहुत महत्व बताया गया है.
भविष्य पुराण में भी दीपदान की तिथि, विधि व कथा का जिक्र है.
इनमें चुहिया के रानी बनने की कथा काफी प्रसिद्ध है.
Dhanteras 2022: हिंदू धर्म में दीपदान का बहुत महत्व है. इसे अकाल मृत्यु से बचाने वाला तथा लक्ष्मी व मोक्ष प्राप्ति का साधन कहा गया है. हिंदू शास्त्रों में दीपदान का महत्व बताने वाली कई कथाएं भी प्रचलित है, जिनमें भविष्य पुराण की एक चुहिया के राजकुमारी बनने की कथा काफी प्रसिद्ध है. ये कथा इस तरह है:
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दीपदान से रानी बनी चुहिया
पंडित रामचंद्र जोशी बताते हैं कि भविष्य पुराण की कथा के अनुसार, विदर्भ देश में चित्ररथ नाम का एक राजा रहता था, जिसके एक सुंदर व सब गुणों से संपन्न ललिता नाम की कन्या थी. राजा चित्ररथ ने उसका विवाह धर्म का अनुसरण करने वाले महाराज काशीराज चारूधर्मा के साथ कर दिया. जो राजा की प्रधान रानी हुई. ललिता विष्णु मंदिर में हजारों दीप जलाया करती थी. विशेष रूप से अश्विन कार्तिक में समारोहपूर्वक दीपदान करती और चौराहों, गलियों, मंदिरों, पीपल, गौशाला, पर्वत शिखर, नदी तटों तथा कुओं पर प्रतिदिन दीपदान करती.
एक बार उससे अन्य रानियों ने दीपदान का कारण पूछा तो उसने अपने पूर्व जन्म की कथा सुनाई. ललिता ने बताया कि वह पिछले जन्म में चुहिया थी. उस समय मद्र देश में देविका नदी के पास सौवीर नाम के राजा ने विष्णु भगवान का मंदिर बनवाया था, जिसमें राजा के पुरोहित मैत्रेय प्रतिदिन पुष्प, धूप, दीप व नैवेद्य आदि से पूजन और दीपदान करते. एक दिन कार्तिक की पूर्णिमा को वहां दीपदान का बहुत बड़ा उत्सव था, जिसमें वह रात को दीपक की बत्ती खाने की इच्छा से चली गई, लेकिन तभी बिल्ली की आवाज सुनकर वह डर से दीपक की बत्ती छोड़कर भाग गई.
बत्ती हिलने से वह बुझ नहीं पाई और मंदिर में उससे प्रकाश होता रहा. कुछ काल के बाद जब उसकी मृत्यु हुई तो वह अनजाने में जले उस दीपक के प्रभाव से ही राजा के घर पैदा हुई और राजा के घर में ही ब्याहकर प्रधान रानी हुई. ललिता कहती है कि दीपदान का महत्व जानने के कारण ही वह मंदिरों में दीपदान करती है.
कथा के अनुसार, इसके बाद बाकी रानियों ने भी दीपदान करना शुरू किया और बहुत समय तक राज्य सुख भोग कर अपने पति के साथ विष्णु लोक को चली गई. इस प्रकार मान्यता है कि जो भी पुरुष या स्त्री पुण्य दिनों में दीपदान करते हैं, वे उत्तम तेज प्राप्त कर विष्णु लोक को प्राप्त करते हैं.
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Tags: Dhanteras, Dharma Aastha, Diwali, Diwali Celebration, Diwali festival
FIRST PUBLISHED : October 17, 2022, 12:57 IST
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