हाइलाइट्स
कैंसर का टीका कोविड-19 वैक्सीन के विकास के दौरान वैज्ञानिकों द्वारा हासिल की गई सफलताओं पर आधारित होगा
कैंसर कोशिका को पहचान कर उसे ट्यूमर कोशिकाओं से अलग कर देगी वैक्सीन
Cancer vaccine reality: कैंसर का नाम सुनते ही लोगों के पैरों तले जमीन खिसक जाती है. आधुनिक विज्ञान कितनी भी तरक्की कर ले लेकिन हकीकत यह है कि कैंसर का फुलप्रूव इलाज अब तक सामने नहीं आया है. अगर है भी तो उसमें इतना ज्यादा पैसा खर्च होता है कि इसका इलाज कराना सामान्य लोगों के बस की बात ही नहीं है. ऐसे में अगर कैंसर की वैक्सीन आ जाए तो लाखों लोगों के लिए यह अंधेरे में उजाला की तरह होगा. बहरहाल अच्छी खबर यह है कि जिस वैज्ञानिक दंपति ने कोविड 19 की वैक्सीन तैयार की थी, उन्होंने ही दावा किया है कि दुनिया को 2030 से पहले कैंसर का टीका मिल जाएगा.
बहुत जल्द मुट्ठी में होगा कैंसर का इलाज
दरअसल, वैज्ञानिक प्रोफेसर ओजलेम टयूरेसिया और उनकी पत्नी उगुर साहिन ने बायो एनटेक की स्थापना की थी. इसी बायोएन टेक ने फाइजर कंपनी के साथ मिलकर कोविड-19 का टीका विकसित किया था. मैसेंजर आरएनए पर आधारित यही टीका अधिकांश अमीर देशों में लगाई गई है. याहू न्यूज के मुताबिक प्रोफेसर ओजलेम टयूरेसिया दंपति ने बीबीसी के साथ एक कार्यक्रम में बताया कि निश्चित तौर पर हमें लगता है कि कैंसर के इलाज के लिए या कैंसर मरीजों के जीवन को बदलने का इलाज बहुत जल्द हमारी मुट्ठी में होगा. प्रोफेसर उगुर साहिन ने कहा, “कैंसर का टीका कोविड-19 वैक्सीन के विकास के दौरान वैज्ञानिकों द्वारा हासिल की गई सफलताओं पर आधारित होगा.” उन्होंने कहा कि अब सिर्फ 8 साल के भीतर कैंसर का टीका व्यापक रूप से उपलब्ध हो सकता है. उन्होंने कहा कि हमें भरोसा है कि 2030 से पहले निश्चित रूप से कैंसर का टीका दुनिया में आ जाएगा.
इसे भी पढ़ें- बीपी मापने के लिए मशीन का झंझट खत्म होगा, अब हाथ में लगा टैटू ही बता देगा सबकुछ
टी कोशिका ट्यूमर कोशिका को खत्म करेगी
वैज्ञानिक दंपति ने कहा कि उम्मीद है कि वर्तमान में जो कैंसर का टीका विकसित हो रहा है उसमें अभी मैंसेजर आरएनए तकनीक का उपयोग करके कैंसर कोशिकाओं को पहचानने और उस पर हमला करने के लिए प्रशिक्षित की जा रही है. साहिन ने इसे समझाते हुए कहा कि हमारा लक्ष्य फिलहाल यह देखना है कि क्या हम सर्जरी के तुरंत बाद मरीजों को व्यक्तिगत टीका दे सकते हैं या नहीं. इसके बाद हम यह सुनिश्चित करेंगे कि कैंसर के मरीज को जो वैक्सीन दी गई है उसके प्रभाव से इम्यून प्रतिक्रिया वाली टी कोशिका सक्रिय हो जाए जो कैंसर कोशिका को पहचान कर उसे ट्यूमर कोशिकाओं से अलग कर दें.
मैसेंजर आरएनए तकनीकी पर होगा टीके का विकास
बायो एनटेक मूल रूप से कैंसर मरीजों के इलाज के लिए विशेष रूप से मैसेंजर आरएनए तकनीकी पर फोकस कर रही है. प्रोफेसर ट्यूरेसिया ने बताया कि जब वह युवा फिजिशियन के रूप में कैंसर के मरीजों को देखते थे, तब उनका इलाज नहीं कर पाने के अनुभव से बेहद निराशा हाथ लगती थी. इस अनुभव का उपयोग कैंसर का टीका बनाने में हो रहा है. उन्होंने बतया कि कोविड-19 का टीका विकसित करने के दौरान बहुत से अनुभवों से दो चार होना पड़ा. उम्मीद है कैंसर पर रिसर्च के दौरान यह सब काम आएगा. जब वैज्ञानिक दंपति से पूछा गया कि क्या उन्हें इस बात का भी डर है कि इतनी मेहनत के बावजूद कैंसर का टीका हो सकता है कि काम न करें. इस पर उन्होंने कहा कि इस बात की कोई आशंका नहीं है. हमने इम्यून सिस्टम पर जितना भी काम किया है, उससे हमने सीखा है कि कैंसर कोशिका को खत्म करने के लिए घातक टी सेल्स का किस तरह इस्तेमाल किया जा सकता है.
ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी|
Tags: Cancer, Health, Health tips, Lifestyle
FIRST PUBLISHED : October 17, 2022, 15:52 IST
श्रेय: स्रोत लिंक
इस बारे में चर्चा post