Publish Date: | Tue, 18 Oct 2022 01:45 AM (IST)
इंदौर (नईदुनिया प्रतिनिधि)। भारत की वैश्विक ताकत और हैसियत दोनों बढ़ रही हैं। अब भारत को न केवल दुनियाभर में एक अच्छे मध्यस्थ के तौर पर पहचाना जाता है, बल्कि अब हम किसी मुद्दे पर अमेरिका जैसे देश को भी असहमति दर्ज कराने की स्थिति में रहते हैं। यह बात पूर्व केंद्रीय मंत्री सुरेश प्रभु ने कही। पेशे से चार्टर्ड अकाउंटेंट प्रभु सोमवार को इंदौर के चार्टर्ड अकाउंटेंट के बीच बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि पीएलआइ स्कीम के तहत जो औद्योगिक वृद्धि हुई उससे दुनिया की कई नामी कंपनियों ने यहां निर्माण इकाइयां शुरू की हैं। कोविड के बाद तो कई देशों ने उत्पादन के लिए भारत को चीन के विकल्प के तौर पर चुना।
सीए ब्रांच इंदौर (आइसीएआइ) व टैक्स प्रैक्टिशर्स एसोसिएशन द्वारा ‘कैसा होगा 2035 का भारत’ विषय पर आयोजित व्याख्यान में मुख्य वक्ता के रूप में प्रभु आए थे। उन्होंने कहा कि 22 वर्ष पहले जब वे ऊर्जा मंत्री थे, तब भारत में ऊर्जा की 18 फीसद कमी थी। दस साल की योजना बनाते हुए भारत को पावर सरप्लस देश बनाने का लक्ष्य सामने रखा था। आज देश अपने आसपास के अन्य देशों को भी बिजली और ऊर्जा प्रदान कर रहा है। वैश्विक परिदृश्य और चुनौतियों को लेकर उन्होंने कहा कि रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध, जलवायु परिवर्तन और चीन की अपना राष्ट्र री-यूनिफाई करने की योजना जैसे तमाम चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए भारत को अपने भविष्य की कार्य योजना बनाना चाहिए। स्वागत उदबोधन इंदौर सीए ब्रांच के चेयरमैन सीए आनंद जैन व रीजनल काउंसिल मेंबर सीए कीर्ति जोशी ने दिया। संचालन टैक्स प्रैक्टिशनर एसोसिएशन के मानद सचिव सीए अभय शर्मा ने किया।
चीन की नीति भारत के लिए खतरा
प्रभु ने कहा, रूस-यूक्रेन के बीच की बात अब परमाणु हमले तक पहुंच गई है। विश्व पर इसका क्या असर होगा, यह अभी कोई नहीं जानता। इसी तरह, चीन में तीसरी बार राष्ट्रपति को सत्ता दी गई है। चीन में सभी फैले हुए अंशों को पुन: एकत्रित करने की एक नीति बनाई जा रही है, जिसमें अरुणाचल प्रदेश का क्षेत्र भी शामिल है। यह भारत के लिए एक खतरे की घंटी है। इसी तरह यूरोप में हो रही भू-राजनीतिक उथल-पुथल और पाकिस्तान में जलवायु परिवर्तन की वजह से आ रही परेशानियों को देखते हुए भारत को अभी से तैयार हो जाना चाहिए। जलवायु परिवर्तन के कारण पाकिस्तान में हाल ही में आई बाढ़ में एक तिहाई पाकिस्तान जलमग्न हो गया। विश्व की बड़ी नदियां सूखे के कगार पर हैं। इसलिए हमें आर्थिक विकास के साथ साथ ग्रीन डेवलपमेंट की तरफ भी आगे बढ़ना होगा। ‘जंग की तैयारी करने का सबसे सही समय है शांति का समय’ यह उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा- हालात ज्यादा बिगड़ें, इसलिए भारत को तैयार हो जाना चाहिए।
इंदौर ने जो ठाना वह कर दिखाया
स्वच्छता में इंदौर को लगातार छह बार देश में अव्वल आने पर उन्होंने बधाई दी और कहा कि इंदौर जो ठान लेता है वह करके दिखाता है। इंदौर का उदाहरण अब न सिर्फ देश बल्कि पूरी दुनिया के सामने दिया जाने लगा है। इंदौर के लोग एकदम डायनामिक होते हैं। वहीं उन्होंने विजन 2035 तैयार करने में सीए के योगदान और महत्व को लेकर कहा कि जिस प्रकार की समग्र सोच सीए रखते हैं, उस प्रकार की सोच की आज देश को जरूरत है।
Posted By: Hemraj Yadav
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