केदारनाथ धाम से करीब दो किमी दूर मंगलवार की दोपहर हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हो गया. यह हेलीकॉप्टर श्रद्धालुओं को लेकर केदारनाथ मंदिर जा रहा था. सूचना मिलने पर मौके पर पहुंची राहत टीमों ने बचाव कार्य शुरू कर दिया है.
केदारनाथ धाम के पास हुआ हेलीकॉप्टर हादसा
उत्तराखंड के केदारनाथ में एक हेलीकॉप्टर दुर्घटना की सूचना मिली है. बताया जा रहा है कि केदारनाथ मंदिर से करीब दो किमी दूर गरुण चट्टी में यह हेलीकॉप्टर दुर्घटना हुई है. बताया जा रहा है कि यह हेलीकॉप्टर एक आयरन कंपनी का था. इस हादसे में छह लोगों के मरने की खबर आ रही है. हालांकि अभी तक इस संबंध में कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है. हादसे की सूचना मिलने पर तत्काल पुलिस और एसडीआरएफ की टीमों को राहत कार्य के लिए रवाना कर दिया गया है. उधर, विमान विभाग ने भी मामले की जांच के लिए अपनी टीम रवाना कर दी है.
जानकारी के मुताबिक मंगलवार की दोपहर यह विमान केदारनाथ धाम की ओर जा रहा था. अचानक इसमें कोई तकनीकी दिक्कत आई और देखते ही देखते विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया. बताया जा रहा है कि इस हादसे के वक्त के कुल छह लोग हेलीकॉप्टर में सवार थे. इन सभी लोगों की मौत हो चुकी है. सूचना पाकर मौके पर पहुंची पुलिस ने राहत कार्य शुरू कर दिया है. एसडीआरएफ की टीमें भी पहुंचने लगी है. अभी तक प्रशासन की ओर से हादसे में मरने वालों की पुष्टि नहीं की है.
#WATCH उत्तराखंड: फाटा से केदारनाथ तीर्थयात्रियों को ले जा रहा एक हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हो गया। राहत एवं बचाव कार्य के लिए प्रशासन की टीम मौके के लिए रवाना हो गई हैं। अधिक जानकारी की प्रतीक्षा है। pic.twitter.com/zksYKP0ADc
— ANI_HindiNews (@AHindinews) October 18, 2022
खराब मौसम की वजह से हादसा
इस हादसे को लेकर अभी तक प्रशासन की ओर से कोई आधिकारिक जानकारी नहीं आई है. हालांकि बताया जा रहा है कि सुबह 11 बजे यह हादसा मौसम खराब होने की वजह से हुआ. हालांकि डीजीसी अभी जांच में जुटा है कि हेलीकॉप्टर क्रैश का कारण तकनीकी खराबी या मौसम रहा है. चमश्दीदों के अनुसार, हम हेलीकॉप्टर में बैठने वाले थे और तभी हमें सूचना मिली कि एक हेलीकॉप्टर क्रैश हो गया है. इसके बाद हमें रोक दिया गया. बताया कि यहां पर 15 मिनट पहले मौसम खराब हो गया है और लगातार बारिश हो रही थी.
The helicopter crash in Kedarnath is extremely unfortunate. We are in touch with the State government to ascertain the magnitude of the loss, and are constantly monitoring the situation.
— Jyotiraditya M. Scindia (@JM_Scindia) October 18, 2022
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