नई दिल्ली. पूर्वी लद्दाख में लंबे गतिरोध के बीच विदेश मंत्री एस जयशंकर ने मंगलवार को कहा कि सीमावर्ती क्षेत्रों में अमन और शांति स्पष्ट तौर पर भारत और चीन के बीच सामान्य संबंधों का आधार हैं तथा नई तरह की भाव भंगिमा, निश्चित तौर पर नयी प्रतिक्रियाओं के रूप में आएगी. ‘चीन की विदेश नीति और नए युग में अंतरराष्ट्रीय संबंध’ विषय पर ‘सेंटर फॉर कंटेम्प्ररी चीन स्टडीज’ के एक सम्मेलन को संबोधित करते हुए जयशंकर ने यह बात कही.
सीमा विवाद के बाद भारत चीन संबंधों के संदर्भ में विदेश मंत्री ने कहा कि पिछले कुछ साल गंभीर चुनौती का समय था और यह संबंधों एवं महाद्वीप की संभावनाओं को लेकर था. उन्होंने कहा, ‘वर्तमान गतिरोध का जारी रहना भारत या चीन किसी के लिये भी लाभदायक नहीं होगा.’ उन्होंने कहा कि नई तरह की भाव भंगिमा, निश्चित तौर पर नई प्रतिक्रियाओं के रूप में आएगी.
भारत-चीन रिश्तों पर बड़ा बयान
भारत-चीन के संदर्भ में जयशंकर ने कहा, ‘सीमावर्ती क्षेत्रों में अमन एवं शांति स्पष्ट तौर पर सामान्य संबंधों का आधार हैं.’ उन्होंने कहा कि समय-समय पर शरारतपूर्ण ढंग से इसे सीमा से जुड़े सवालों के समाधान के साथ जोड़ दिया जाता है. जयशंकर ने कहा कि चीन के साथ अधिक संतुलित और स्थिर संबंध के लिए भारत की तलाश उसे विविध क्षेत्रों एवं विकल्पों की ओर ले गई. चीन के परोक्ष संदर्भ में उन्होंने कहा कि सच्चाई यह है कि इसके लिए शर्त बेहद मामूली रही है लेकिन 2020 में इसका भी उल्लंघन किया गया.
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गौरतलब है कि जून 2020 में पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में दोनों देशों की सेनाओं के बीच जबर्दस्त संघर्ष हुआ था और इसके बाद से दोनों देशों के संबंध तनावपूर्ण हो गए हैं. जयशंकर ने कहा कि 2020 के घटनाक्रम के मद्देनजर स्वाभाविक रूप से ध्यान प्रभावी सीमा सुरक्षा पर गया. जयशंकर ने कहा कि 2020 के बाद भारत और चीन के बीच असहमति दूर करने वाली व्यवस्था स्थापित करना आसान नहीं है, लेकिन इस कार्य को दरकिनार नहीं किया जा सकता है. उन्होंने कहा कि यह तीन साझा बातों के आधार पर ही स्थायी बन सकती है, जिसमें आपसी सम्मान, संवेदनशीलता और हित शामिल हैं.
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विदेश मंत्री ने कहा कि पिछले सात दशकों के सम्पर्क को देखें तब यह कहना उचित होगा कि भारत ने चीन के प्रति एक प्रतिबद्ध द्विपक्षीय रूख अपनाया है और इसके लिए एशियाई एकजुटता की भावना सहित कई कारण हैं. उन्होंने कहा कि अतीत में भारत की नीति में काफी आत्मसंयम बरता गया जिससे यह उम्मीद की जाने लगी कि दूसरे उनकी पसंद पर वीटो कर सकते हैं, लेकिन वह समय अब पीछे छूट गया है. उन्होंने कहा कि जाहिर तौर पर नया समय केवल चीन का नहीं है. भारत की प्राथमिकताओं का उल्लेख करते हुए जयशंकर ने कहा कि प्रगाढ़ संबंध बनाना तथा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपने हितों को बेहतर ढंग से प्रोत्साहित करना देश को मजबूत बनाता है. उन्होंने कहा, ‘हमें अधिक प्रभावी ढंग से प्रतिस्पर्धा की तैयारी करनी चाहिए, खास तौर पर हमारे आसपास. ’’
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Tags: India china issue, S Jaishankar
FIRST PUBLISHED : October 19, 2022, 00:13 IST
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