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मोदीपुरम। सरदार वल्लभ भाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय में तीन दिवसीय अखिल भारतीय किसान मेला एवं कृषि उद्योग कृषि कुंभ का मंगलवार को शुभारंभ हो गया। मेले में दस करोड़ के भैंसें गोलू-टू को देखने के लिए किसानों की भीड़ लग गई। भैंसा मालिक पानीपत के गांव डिडवाडी निवासी किसान नरेंद्र सिंह उसे खाने में घी और बादाम खिलाते हैं। सिंह को 11 मार्च 2019 को पशुपालन के क्षेत्र में राष्ट्रपति ने पद्मश्री दिया था। बुधवार को जल शक्ति एवं बाढ़ नियंत्रण मंत्री स्वतंत्र देव सिंह व केंद्रीय राज्यमंत्री डॉ. संजीव बालियान मेले का विधिवत उद्घाटन करेंगे।
सिंह ने बताया कि गोलू को हम भैंसा की तरह नहीं, औलाद की तरह पालते हैं। पूरा परिवार और पांच नौकर इसकी देखभाल करते हैं। गोलू की कीमत दस करोड़ रुपये लग गई है, लेकिन वह बेच नहीं रहे हैं। हरियाणा के एक किसान ने गोलू के बदलने में 20 एकड़ जमीन देने को भी कहा था, लेकिन उन्होंने मना कर दिया। डॉग शो के आयोजन वेटनरी कॉलेज के डीन राजीव कुमार व डॉ अमित कुमार ने बताया कि लंपी बीमारी के चलते इस बार पशु प्रदर्शनी नहीं है, लेकिन डॉग शो रखा गया है।
ये है गोलू टू की खासियत
मुर्रा नस्ल का भैंसा है
डेढ़ टन वजन
ऊंचाई साढ़े पांच फिट है
लंबाई 14 फिट है।
हर सप्ताह सीमन की 700-800 डोज बेचते हैं।
100 रुपये से 300 रुपये डोज तक बेचा जाता है सीमन
हरियाणा सरकार को दिया गिफ्ट
पद्मश्री किसान नरेंद्र सिंह का कहना है कि इस भैंसें का दादा गोलू वन था। पिता पीसी 483 था। दादा को हरियाणा सरकार को गिफ्ट दे दिया था। गोलू टू की उम्र अभी साढ़े चार साल है। 100 पशुओं का उनका फार्म है, जहां पर गाय भी हैं।
वैज्ञानिक दें किसानों को तकनीकी ज्ञान : केके सिंह
कुलपति प्रो. केके सिंह ने बताया कि किसान मेले का आयोजन किसानों, कृषि क्षेत्र से जुड़े उद्यमियों व खेती से जुड़े लोगों के लिए किया जा रहा है। समय के साथ-साथ किसानों को तकनीकी ज्ञान देना जरूरी है। कृषि उद्यमिता विकास न केवल भारतीय अर्थव्यवस्था को लाभ पहुंचाएगी, बल्कि इससे प्राथमिक क्षेत्र में जबरदस्त विकास हासिल करने में मदद मिलेगी। कृषि उद्यमिता के विकास से किसानों की आय में सुधार से प्रधानमंत्री के विजन को साकार करने में मदद मिलेगी। मेले में निदेशक प्रसार डॉ. पीके सिंह, संयुक्त निदेशक प्रसार डॉ. सतेंद्र खारी, रजिस्ट्रार डॉ. बीआर सिंह, डीन हॉर्टीकल्चर डॉ. बिजेंद्र सिंह, डीन वेटनरी डॉ. राजीव कुमार, वित्त नियंत्रक लक्ष्मी मिश्रा, डॉ. हरिओम कटियार, डॉ. अशोक यादव, डॉ. सुनील मलिक, डॉ. अरविंद राणा, डॉ. सत्यप्रकाश, डॉ. केजी यादव मौजूद रहे।
13 सब्जियां रहीं अव्वल
किसान मेले में फल, फूल और सब्जी की प्रदर्शनी भी लगाई गई। अधिष्ठाता उद्यान डॉ. बिजेंद्र सिंह ने बताया कि प्रदर्शनी में सब्जी वर्ग में कुल 196 प्रविष्टियां प्राप्त हुईं, जिसमें 13 प्रथम, 14 द्वितीय और 12 तृतीय स्थान पर रहीं। इस बार किसान मेले में किसान गोष्ठी एवं चौपाल का आयोजन किया गया। मेले में प्रथम दिन सम्राट जादूगर ने जादू दिखाकर किसानों का मनोरंजन किया। मेले में महिला अध्ययन केन्द्र फसल अवशेष प्रबंधन प्राकृतिक खेती, समेकित खेती तथा मोटे अनाज की खेती के स्टाल आकर्षण का केंद्र रहे।
मोदीपुरम। सरदार वल्लभ भाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय में तीन दिवसीय अखिल भारतीय किसान मेला एवं कृषि उद्योग कृषि कुंभ का मंगलवार को शुभारंभ हो गया। मेले में दस करोड़ के भैंसें गोलू-टू को देखने के लिए किसानों की भीड़ लग गई। भैंसा मालिक पानीपत के गांव डिडवाडी निवासी किसान नरेंद्र सिंह उसे खाने में घी और बादाम खिलाते हैं। सिंह को 11 मार्च 2019 को पशुपालन के क्षेत्र में राष्ट्रपति ने पद्मश्री दिया था। बुधवार को जल शक्ति एवं बाढ़ नियंत्रण मंत्री स्वतंत्र देव सिंह व केंद्रीय राज्यमंत्री डॉ. संजीव बालियान मेले का विधिवत उद्घाटन करेंगे।
सिंह ने बताया कि गोलू को हम भैंसा की तरह नहीं, औलाद की तरह पालते हैं। पूरा परिवार और पांच नौकर इसकी देखभाल करते हैं। गोलू की कीमत दस करोड़ रुपये लग गई है, लेकिन वह बेच नहीं रहे हैं। हरियाणा के एक किसान ने गोलू के बदलने में 20 एकड़ जमीन देने को भी कहा था, लेकिन उन्होंने मना कर दिया। डॉग शो के आयोजन वेटनरी कॉलेज के डीन राजीव कुमार व डॉ अमित कुमार ने बताया कि लंपी बीमारी के चलते इस बार पशु प्रदर्शनी नहीं है, लेकिन डॉग शो रखा गया है।
ये है गोलू टू की खासियत
मुर्रा नस्ल का भैंसा है
डेढ़ टन वजन
ऊंचाई साढ़े पांच फिट है
लंबाई 14 फिट है।
हर सप्ताह सीमन की 700-800 डोज बेचते हैं।
100 रुपये से 300 रुपये डोज तक बेचा जाता है सीमन
हरियाणा सरकार को दिया गिफ्ट
पद्मश्री किसान नरेंद्र सिंह का कहना है कि इस भैंसें का दादा गोलू वन था। पिता पीसी 483 था। दादा को हरियाणा सरकार को गिफ्ट दे दिया था। गोलू टू की उम्र अभी साढ़े चार साल है। 100 पशुओं का उनका फार्म है, जहां पर गाय भी हैं।
वैज्ञानिक दें किसानों को तकनीकी ज्ञान : केके सिंह
कुलपति प्रो. केके सिंह ने बताया कि किसान मेले का आयोजन किसानों, कृषि क्षेत्र से जुड़े उद्यमियों व खेती से जुड़े लोगों के लिए किया जा रहा है। समय के साथ-साथ किसानों को तकनीकी ज्ञान देना जरूरी है। कृषि उद्यमिता विकास न केवल भारतीय अर्थव्यवस्था को लाभ पहुंचाएगी, बल्कि इससे प्राथमिक क्षेत्र में जबरदस्त विकास हासिल करने में मदद मिलेगी। कृषि उद्यमिता के विकास से किसानों की आय में सुधार से प्रधानमंत्री के विजन को साकार करने में मदद मिलेगी। मेले में निदेशक प्रसार डॉ. पीके सिंह, संयुक्त निदेशक प्रसार डॉ. सतेंद्र खारी, रजिस्ट्रार डॉ. बीआर सिंह, डीन हॉर्टीकल्चर डॉ. बिजेंद्र सिंह, डीन वेटनरी डॉ. राजीव कुमार, वित्त नियंत्रक लक्ष्मी मिश्रा, डॉ. हरिओम कटियार, डॉ. अशोक यादव, डॉ. सुनील मलिक, डॉ. अरविंद राणा, डॉ. सत्यप्रकाश, डॉ. केजी यादव मौजूद रहे।
13 सब्जियां रहीं अव्वल
किसान मेले में फल, फूल और सब्जी की प्रदर्शनी भी लगाई गई। अधिष्ठाता उद्यान डॉ. बिजेंद्र सिंह ने बताया कि प्रदर्शनी में सब्जी वर्ग में कुल 196 प्रविष्टियां प्राप्त हुईं, जिसमें 13 प्रथम, 14 द्वितीय और 12 तृतीय स्थान पर रहीं। इस बार किसान मेले में किसान गोष्ठी एवं चौपाल का आयोजन किया गया। मेले में प्रथम दिन सम्राट जादूगर ने जादू दिखाकर किसानों का मनोरंजन किया। मेले में महिला अध्ययन केन्द्र फसल अवशेष प्रबंधन प्राकृतिक खेती, समेकित खेती तथा मोटे अनाज की खेती के स्टाल आकर्षण का केंद्र रहे।
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