31-कैथल। साइबर अपराध के बारे में जिला पुलिस द्वारा जागरूकता कार्यक्रम में शपथ लेते स्कूली बच्चे।
– फोटो : Kaithal
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कैथल। एसपी मकसूद अहमद ने साइबर अपराध से जुड़े रैनसमवेयर साइबर अटैक से बचने के बारे में सुझाव दिए। उन्होंने बताया कि यह एक प्रकार की ऑनलाइन फिरौती है। इस मौके पर बच्चों को जागरुकता के लिए शपथ भी दिलाई गई।
एसपी ने बच्चों को समझाते हुए कहा कि रैनसमवेयर एक प्रकार का हानिकारक सॉफ्टवेयर है। साइबर हमला कर किसी भी कंप्यूटर या डिवाइस की कार्यशैली को यह बाधित कर सकता है। इसके बाद स्क्रीन पर एक मैसेज प्रकट होने लगता है। इसके माध्यम से संबंधित कंप्यूटर या डिवाइस की कार्यशैली को वापस शुरू करवाने के लिए पैसों का भुगतान करने के लिए कहा जाता है। इसे ऑनलाइन फिरौती कह सकते हैं।
उन्होंने बताया कि रैनसमवेयर मुख्यत: फिशिंग, ई-मेल या अनजाने में किसी संक्रमित वेबसाइट के इस्तेमाल से फैलता है। उन्होंने लोगों को इससे बचाव के लिए तरीके बताए हैं। इस अभियान के तहत सभी थाना प्रबंधक एवं चौकी प्रभारियों ने भी अपने-अपने क्षेत्र में आमजन को नुक्कड सभा, राहगीरी, संवाद के जरिए साइबर अपराध व बचाव के बारे में जागरूक किया। एसएचओ ट्रैफिक रमेश चंद्र ने जाट कॉलेज व कन्या स्कूल कैथल में छात्र-छात्राओं को साइबर अपराध के बारे में जानकारी दी।
ॉबचाव के लिए सुझाव-
1. किसी भी अज्ञात स्रोत से प्राप्त ई-मेल, जिसमें संदिग्ध फाइल या लिंक हो, उसको नहीं खोलें।
2. अपने कंप्यूटर में हमेशा एंटीवायरस को अपडेट रखें एवं सुनिश्चित करें कि विंडोज फायरवॉल चालू हो,वह ठीक से कानफिगर किया गया हो।
3. अपने अति महत्वपूर्ण दस्तावेजों का नियमित अंतराल पर किसी अन्य स्थान पर बैकअप बनाते रहें।
4. अपने ईमेल अकाउंट में उचित स्पैम फिल्टर क.ो सक्रिय रखें।
5. अगर आपके साथ किसी भी प्रकार का साइबर अपराध हो जाता है या आप किसी ऑनलाइन ठगी का शिकार हो जाते हैं तो बिना किसी देरी के इसकी शिकायत नेशनल साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल https://www.cybercrime.gov.in पर करें। इसके अलावा साइबर क्राइम हेल्पलाइन नंबर 1930 व नजदीकी पुलिस थाना/चौकी में सूचना दें। 1930 पर तुरंत प्रभाव से शिकायत दं वे ट्रांजेक्शन फ्रिज करवाएं और वित्तीय हानि से बचें।
कैथल। एसपी मकसूद अहमद ने साइबर अपराध से जुड़े रैनसमवेयर साइबर अटैक से बचने के बारे में सुझाव दिए। उन्होंने बताया कि यह एक प्रकार की ऑनलाइन फिरौती है। इस मौके पर बच्चों को जागरुकता के लिए शपथ भी दिलाई गई।
एसपी ने बच्चों को समझाते हुए कहा कि रैनसमवेयर एक प्रकार का हानिकारक सॉफ्टवेयर है। साइबर हमला कर किसी भी कंप्यूटर या डिवाइस की कार्यशैली को यह बाधित कर सकता है। इसके बाद स्क्रीन पर एक मैसेज प्रकट होने लगता है। इसके माध्यम से संबंधित कंप्यूटर या डिवाइस की कार्यशैली को वापस शुरू करवाने के लिए पैसों का भुगतान करने के लिए कहा जाता है। इसे ऑनलाइन फिरौती कह सकते हैं।
उन्होंने बताया कि रैनसमवेयर मुख्यत: फिशिंग, ई-मेल या अनजाने में किसी संक्रमित वेबसाइट के इस्तेमाल से फैलता है। उन्होंने लोगों को इससे बचाव के लिए तरीके बताए हैं। इस अभियान के तहत सभी थाना प्रबंधक एवं चौकी प्रभारियों ने भी अपने-अपने क्षेत्र में आमजन को नुक्कड सभा, राहगीरी, संवाद के जरिए साइबर अपराध व बचाव के बारे में जागरूक किया। एसएचओ ट्रैफिक रमेश चंद्र ने जाट कॉलेज व कन्या स्कूल कैथल में छात्र-छात्राओं को साइबर अपराध के बारे में जानकारी दी।
ॉबचाव के लिए सुझाव-
1. किसी भी अज्ञात स्रोत से प्राप्त ई-मेल, जिसमें संदिग्ध फाइल या लिंक हो, उसको नहीं खोलें।
2. अपने कंप्यूटर में हमेशा एंटीवायरस को अपडेट रखें एवं सुनिश्चित करें कि विंडोज फायरवॉल चालू हो,वह ठीक से कानफिगर किया गया हो।
3. अपने अति महत्वपूर्ण दस्तावेजों का नियमित अंतराल पर किसी अन्य स्थान पर बैकअप बनाते रहें।
4. अपने ईमेल अकाउंट में उचित स्पैम फिल्टर क.ो सक्रिय रखें।
5. अगर आपके साथ किसी भी प्रकार का साइबर अपराध हो जाता है या आप किसी ऑनलाइन ठगी का शिकार हो जाते हैं तो बिना किसी देरी के इसकी शिकायत नेशनल साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल https://www.cybercrime.gov.in पर करें। इसके अलावा साइबर क्राइम हेल्पलाइन नंबर 1930 व नजदीकी पुलिस थाना/चौकी में सूचना दें। 1930 पर तुरंत प्रभाव से शिकायत दं वे ट्रांजेक्शन फ्रिज करवाएं और वित्तीय हानि से बचें।
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