सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. आठवलेजी के ओजस्वी विचार
‘आदि शंकराचार्यजी ने भारत में सर्वत्र घूमकर हिन्दू धर्म के विरोधियों के साथ वाद-विवाद किया । उनसे जीतकर हिन्दू धर्म की पुनर्स्थापना की । उस काल के विरोधी वाद-विवाद करते थे । इसके विपरीत आज के काल के धर्म विरोधी वाद-विवाद न कर केवल शारीरिक और बौद्धिक गुंडागिरी करते हैं !’
– सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. आठवले
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