टाटा के समर्थन वाली फिटनेस चेन Cult.fit अगले 12-18 महीनों में आईपीओ ला सकती है. कंपनी का मुख्य जिम व्यवसाय परिचालन लाभ में बदल गया है. यह बात मनीकंट्रोल और इकनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट्स में कही गई है. यह आईपीओ कितना बड़ा होगा, इस बारे में अभी तक कोई जानकारी सामने नहीं आई है. इकनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट में कंपनी के बिजनेस हेड नरेश कृष्णास्वामी के हवाले से कहा गया कि Cult.fit का रेवेन्यु प्री-कोविड लेवल के मुकाबले 50 प्रतिशत से ज्यादा बढ़ चुका है.
Cult.fit के निवेशकों में टाटा डिजिटल और ज़ोमैटो शामिल हैं. कंपनी अभी के लिए अपने मुख्य फिटनेस और फिटनेस उत्पादों के कारोबार को दोगुना कर रही है और किसी तीसरे या चौथे कारोबार में निवेश से पहले इन्हें प्रॉफिटेबिलिटी के करीब पहुंचाना चाहती है. अन्य बिजनेस जैसे Mind.fit और कुछ वेलनेस कैटेगरी जैसे डायग्नॉस्टिक्स को अभी पीछे रखा गया है.
FY21 में परिचालन रेवेन्यु लगभग 161 करोड़
Cult.fit का परिचालन रेवेन्यु वित्त वर्ष 2020-21 में लगभग 161 करोड़ रुपये रहा था. दिसंबर 2021 में Zomato के नेतृत्व वाले 14.5 करोड़ डॉलर के फंडिंग राउंड के बाद इसकी वैल्युएशन 1.5 अरब डॉलर हो गई थी. Cult.fit को पहले Cure.fit के नाम से जाना जाता था. कंपनी ने पिछले कुछ वर्षों में 14 अधिग्रहण किए हैं, जिसमें RPM फिटनेस और Fitkit जैसे इन-होम फिटनेस उपकरण व्यवसाय शामिल हैं. Cult.fit ने F2 फन एंड फिटनेस में बहुलांश हिस्सेदारी हासिल कर ली है और इसके साथ भारत में गोल्ड्स जिम के लिए मास्टर फ्रैंचाइज़ी पार्टनर बन गई है. कंपनी ने कहा कि गोल्ड के जिम के साथ एकीकरण पूरा हो गया है और 40% जिम, Cultpass नामक कंपनी के लॉयल्टी प्रोग्राम का हिस्सा हैं.
अभी 40 शहरों में संचालन
Cult.fit ने गैर-मेट्रो बाजारों में फिर से विस्तार करना शुरू कर दिया है. कंपनी महामारी के दौरान इनसे हट गई थी. यह वर्तमान में लगभग 40 शहरों में संचालन करती है, कोविड से पहले यह संख्या 25 शहर की थी. कुल मिलाकर, Cult.fit में 600 से अधिक फैसिलिटीज हैं, जिनमें से 200 से अधिक केंद्र कंपनी द्वारा संचालित हैं. Cult.fit को मुकेश बंसल और अंकित नागोरी ने शुरू किया. कोविड की दो मुख्य लहरों के बीच अपने कर्मचारियों के एक महत्वपूर्ण हिस्से को निकाल दिया और अपने ऑफ़लाइन केंद्रों के लिए एक फ्रैंचाइज़ी ओन्ड मॉडल पर मूव हो गई. मई 2020 में कंपनी ने 800 से अधिक कर्मचारियों, या अपने कर्मचारियों की संख्या के लगभग 10% की छंटनी की. बंसल और नागोरी ने 2020 में फर्म का एक महत्वपूर्ण पुनर्गठन किया, जिससे इसका क्लाउड किचन व्यवसाय एक स्वतंत्र इकाई बन गया. नागोरी अब इस व्यवसाय को Curefoods के रूप में चलाते हैं.
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