वहीं 4 वर्षीय बालक प्रांशुक कांठे, 26 दिसंबर को दीक्षा लेने जा रहा हैं। इसके अलावा प्रांशुक काठेड ने बताया कि आचार्य उमेश मुनि महाराज की प्रेरणा तथा धार्मिक साहित्य एवं उत्तराध्ययन सूत्र के अध्ययन के बाद दीक्षा लेने का विचार मन में आया भविष्य की प्लानिंग को लेकर अनेक सवाल जवाब आए, जिसमें सांसारिक सुख अधिक लगे। आत्म कल्याण एवं आत्मा के सुख के लिए धार्मिक क्रियाओं का अनुभव किया उसके बाद निर्णय लिया कि अब उसी आत्मा के सुख को पूर्णता प्रकट करना है एवं संयम पथ पर चलकर सिद्ध जैसा बनना है। उन्होंने कहा कि दीक्षा लेने के निर्णय में मेरा माता-पिता ने अपनी इच्छाओं को गोण किया और मेरी मनोभावना को पूर्ण करने की आज्ञा दी। इस निर्णय में मेरे अभिभावक अपने आपको गौरवान्वित महसूस करते हैं।
राजस्थानी गीत से छाया सोयतकला नगर
सोयतकला. नगर की छात्राओं ने जिलास्तरीय नृत्य प्रतियोगिता में राजस्थानी गीत पर किए नृत्य में जिले में महाविद्यालय को प्रथम स्थान दिलाया। आगर में बुधवार को हुई जिलास्तरीय नृत्य प्रतियोगिता में नगर की छात्राओं ने म्हारे पचरंगी लहरियां को पल्लो लहराए, टूटे बाजूबंद री लूम लड़ उलझी उलझी जाए व अन्य राजस्थानी गीतों के माध्यम से सोयतकलां महाविद्यालय की छात्राओं ने नृत्य गायन प्रतियोगिता में आगर जिले में प्रथम स्थान प्राप्त किया। साहित्यिक एवं सांस्कृतिक प्रतियोगिता में सोयतकलां महाविद्यालय के भी कई छात्र-छात्राओं ने अलग-अलग विधाओं में हिस्सा लिया। जिसमें राधिका व्यास, रितिका व्यास, कशिश तिवारी व पल्लवी ने प्रथम व तुषार भावसार, समीर खान व समीर अंसारी ने द्वितीय स्थान प्राप्त किया।
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