Publish Date: | Fri, 21 Oct 2022 12:45 AM (IST)
-सिंधिया स्कूल के 125 वें स्थापना दिवस के मौके पर आयीं भारतीय महिला क्रिकेट टीम की पूर्व कप्तान मिताली राज ने किया स्कूली विद्यार्थियों को संबोधित
ग्वालियर.(नईदुनिया प्रतिनिधि)। जीत और हार एक बारंबार क्रम में चलते हैं। अगर आपको कभी हार का सामना करना पडे तो घबराएं नहीं, उसे एक और मौके की तरह लें और खुद को साबित करने का प्रयास करें । जीवन में हर एक हार जरूरी होती है क्योंकि वह हमारे जीवन में एक शिक्षक की भूमिका अदा करते हैं। हर हार से सीखना चाहिए। यह बात भारतीय महिला क्रिकेट टीम की पूर्व कप्तान मिताली राज ने सिंधिया स्कूल के 125वें स्थापना दिवस पर आयोजित कार्यक्रम के दौरान अपने संबोधन में कही । ग्वालियर के दुर्ग पर स्थित सिंधिया स्कूल ने गुरूवार काे अपना स्थापना दिवस मनाया । इस कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि भारतीय महिला क्रिकेट टीम की पूर्व कप्तान मिताली राज मौजूद रहीं । कार्यक्रम में मुख्य रूप से केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया भी मौजूद रहे ।
स्थापना दिवस के कार्यक्रम की शुरुआत मुख्य अतिथि मिताली सिंह ने फीता काट कर और दीप प्रज्वलन कर के की । इसके बाद मंत्री सिंधिया और मिताली राज ने स्कूली विद्यार्थियों के द्वारा विज्ञान, जीवनशैली, कला आदि के विषयों पर लगाई गई प्रदर्शनी का अवलोकन किया। प्रदर्शनी से होते हुए मंत्री सिंधिया और मुख्य अतिथि मिताली ने स्कूल बैंड की प्रस्तुति देखी । इसके बाद वह सिंधिया स्कूल के आेपन आडिटोरियम में पंहुचें जहां स्थापना दिवस का मुख्य कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा था । इस मौके पर मंत्री सिंधिया ने स्कूल से जुडे कई पुराने किस्से साझा किए । इस मौके पर मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि एक खिलाडी होना अपने आप में बहुत बड़ी उपलब्धी है। ऐसे में मिताली राज ने विश्वभर में महिला क्रिकेट में देश का नाम रोशन किया है । आज स्थिति यह है कि देश की तमाम महिलाएं इनका अनुसरण कर रहीं हैं और इनके कदमों पर चल रहीं है। इसी दौरान कुछ सांस्कृतिक गतिविधियों की प्रस्तुति हुई जिसमें नृत्य, हिमाचली फोक का प्रदर्शन, राग यमन में गायन शामिल रहे । विद्यार्थियों ने बडी ऊर्जा और उत्साह के साथ कार्यक्रम में प्रस्तुति दी । सांस्कृतिक प्रस्तुतियों के बाद उत्तर प्रदेश के लोकायुक्त संजय मिश्रा को माधव अवार्ड से सम्मानित किया गया । कार्यक्रम के अंत में स्कूल की आेर से मुख्य अतिथि मिताली राज को स्मृति चिन्ह भेंट किया गया ।
लैंगिक भिन्नता का सामना करती है महिला खिलाडी-
मिताली राज बताती हैं कि पिछले कुछ समय में देश में काफी बदलाव आए हैं, लेकिन फिर भी कुछ समस्याएं आज भी यथावत है। इनमें सबसे बडी समस्या है लैंगिक भिन्नता । जब एक पुरूष खिलाडी किसी मैच में अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाता है तो उस बात को सामान्य रूप से लिया जाता है । वहीं कोई महिला खिलाडी अच्छा प्रदर्शन नहीं करे तो उसकी क्षमताओं पर सवाल उठाए जाने लगते हैं । यह समस्या एक खिलाडी को मानसिक रूप से परेशान करती है ।
Posted By: anil tomar
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