पांव लागी मलिकार ! ठीके कहल बा- चिऊंटी हाथी के जान ले सकेले. सूंढ़ में एगो चिउंटी समा जाव त हाथी मछिया जाला. हमरा बुझाता कि एही पर कहाउतो बनल बा- देखन में छोटन लगे, घाव करे गंभीर. देखल जाव त मच्छर एतना नखीचूक होले सन कि चौदह गो भुखाइल मच्छर एक संगे चुटकी में चिपा जइहें, बाकिर बिना कवनो हरवा हथियार के मच्छर एतना खतरनाक हो जइहें सन, ई केहू सपनो में कबो ना सोचले होई. पहिले झाड़-कबाड़ एकनी के डेरा होत रहल हा, अब त साफ पानी में दुनिया के सबसे खतरनाक मच्छर पैदा हो तारे सन. एकनी का दिन दुपहरिया गते से टुभका दे तारे सन आ आदमी के जान पर बन आवता.
हर साल मच्छर लेले सन सवा सात लोग के जान
सुने में आवता कि साल में सवा सात लाख लोग दुनिया भर में मच्छर के डंसला से जान गंवा देला. एकनी के कटला से सात सौ मिलियन लोग हर साल बेमार परेला. अबे ले हम इहे जानत रहनी हां मलिकार कि मच्छर के कटला से खाली मलेरिया होला. पांड़े बाबा आज बतावत रहनी हां कि मच्छर के कटला से मलेरिया, डेंगू, वेस्ट नाइल बायरस, चिकनगुनिया, पीअर बोखार (Yellow Fever), फाइलेरिया, टुलारेमिया, डायरोफिलारियासिस, जापानी इंसेफलाइटिस, सेंट लुइस इंसेफलाइटिस, वेस्टर्न इक्वाइन इनसेफलाइटिस, ईस्टर्न इक्वाइन इंसेफलाइटिस, वेनेजुएला इक्वाइन इंसेफलाइटिस, रास आ जीका बोखार अइसन कई किसिम के बेमारी होली सन.
करोना के बाद अब दुनिया में डेंगू-मलेरिया से तबाही
दू साल ले करोना नाक में दम कइलस आ अब मच्छरन के उत्पात से लोग तबाह बा. आज से ना, बचपन से हमनी का इहे जानत रहनी हां सन कि मच्छर के कटला से मलेरिया होला. पहिले केहू के जर-बोखार होई आ जल्दी ना उतरी त लोग जांच करावे जात रहल हा. ओहीजा मालूम होई कि ढेर दिन ले पिठियावे वाला बोखार मलेरिया ह कि मियादी. एह घरी त केहू के बोखार तीन दिन ले दवाई खइला से जदी चढ़त-उतरत रहता त डागदर सीधे जांच करावे खातिर भेज दे तारे सन. भले मलेरिया, डेंगू भा चिकनगुनिया ना निकले, बाकिर जांच जरूरी हो गइल बा. पांड़े बाबा के दुआर पर सबेरे जेतना लोग जूटेला, वोइमें आधा से अधिका लोग के काल्ह हम छींकत भा खोंखत देखुवीं मलिकार. रोहरा के राम खेलावन बतावत रहुवन कि उनका त दस दिन हो गइल, बोखार खेलावत. पांड़े बाबा उनका के कहुवीं कि जल्दी से कवनो नीमन डागदर से देखा के जांच करा लेस. एह घरी डेंगू बड़ी जोर से चलल बा.
पाकिस्तान में त महामारी बन गइल बा मलेरिया
पांड़े बाबा बतावत रहुवीं कि पाकिस्तान पहिले बरखा-बाढ़ से तबाह रहल हा, अब वोइजा मच्छर से होखे वाली बेमारी मलेरिया-डेंगू तबाही मचवले बा. विश्व स्वास्थ्य संगठन के कहनाम बा कि साल में तीन बेर बाढ़ से तराही-तराही करे वाला पाकिस्तान में मच्छर के कटला से होखे वाला बेमारी बड़का आफत बन गइल बा. बाढ़ वाला इलाका में पानी अबहियो जमल बा. एह से किसिम किसिम के बेमारी पैदा हो तारी सन. लोग खाली बेमारे नइखे परत, जान भी चल जाता. पाकिस्तान के सरकारी महकमा के कहनाम बा कि बेमारी से ढेर लोग मरत बा. हालत दिन पर दिन बिगड़ल जाता.
भारत से 71 लाख मच्छरदानी कीनी पाकिस्तान
मच्छर से बचाव खातिर पाकिस्तान के सेहत महकमा भारत से 71 लाख मच्छरदानी कीने खातिर सरकार से इजाजत मंगले बा. पाकिस्तान के जवना इलाका में बाढ़ आइल रहल हा, ओहिजा मलेरिया तबाही मचवले बा. पाकिस्तान मच्छरदानी कीने खातिर भारत सरकार के चिट्ठी लिखले बा. भारत मच्छरदानी बेचे खातिर तैयार हो जाई त कीने के पइसा ग्लोबल फंड से मिली. ग्लोबल फंड एही खातिर बनाव गइल बा. पांड़े बाबा बतावत रहुवीं कि पाकिस्तान के कई इलाका में बाढ़ से अब ले डेढ़ हजार से बेसी लोग के जान चल गइल बा. बाढ़ के बाद अब मलेरिया उत्पात मचवले बा. पाकिस्तान के सिंध आ बलूचिस्तान के बाढ़ वाला जिलन में मलेरिया परीक्षण किट, मलेरिया रोके वाला दवाई आ मच्छरदानी एकदमे जरूरी हो गइल बा. एह इलाकन में मरद, मेहरारू आ लइकन में मलेरिया के सबसे घातक किसिम प्लास्मोडियम फाल्सीपेरम रोजे धराता.
खबर आइल बा कि पाकिस्तान के बाढ़ वाला इलाका के गरभवती औरतन खातिर केंप बनावल गइल बाड़े सन. 47 हजार से बेसी गरभवती औरत सिंध परांत के केंप में राखल गइल बाड़ी सन. बाढ़ के पानी उतरला के बाद हजारन के तायदाद में लोग बेमार हो गइल बा. बरखा आ बाढ़ से पहिलहीं 550 से बेसी लइकन के जान जा चुकल बा. यूनिसेफ के कहनाम बा कि बाढ़ के बाद जमल पानी से बेमारी पैदा होखे के डर रहेला. अब अउरी लइकन भा केहू के जान ना जाव, एकरा खातिर सगरी दुनिया के पाकिस्तान के मदद करे के चाहीं. बाढ़ से पाकिस्तान में 34 लाख से बेसी बच्चा बेघर हो गइल बाड़े सन.
अपनो देस में डेंगू-मलेरिया मचवले बा तबाही
पाकिस्तान त बाढ़ के बाद मलेरिया से तबाह बड़ले बा, अपनो देस में अइसहीं डेंगू-मलेरिया हलकान कइले बा. पांड़े बाबा बंगाल के हाल बतावत रहुवीं. एह साल 9 अक्तूबर ले बंगाल में डेंगू के 978 नया मरीज मिलल रहले. सरकारी असपताल में अबिहयो 806 लोग भरती बा. पराइवेट में बेसी लोग इलाज करावता. तीन साल के आंकड़ा देखल जाव त बंगाल में डेंगू के केस दुगुना हो गइल बा. साल 2019 के चालीसवां हफ्ता में बंगाल में डेंगू रोगी के तैदाद 1822 रहे. एह साल ई 4678 हो गइल बा. आधा दर्जन से बेसी लोग के त जानो चल गइल एह डेंगू से. इहे हाल दिल्ली आ बिहार के बा. नगीना बो काकी के पनरहियन से बोखार छोड़ते ना रहल हा. उनकर बड़का बेटा गोरखपुर ले जाके जांच करवलस हा त डेंगू धराइल हा. अबे त वोही जा असपताल में भरती बाड़ी, बाकिर पहिले से अब हालत तनी ठीक बुझाता. बेटवा रोज बोतल में बकरी के दूध आ पपीता के पतई तूर के मोटरसाइकिल से लेके जाला. बकरी के दूध हजार रुपये लीटर बिकाता. बड़ा मुसकिल से मिलतो बा. रउरा आपन धेयान राखेब.
राउर, मलिकाइन
(ओमप्रकाश अश्क स्वतंत्र पत्रकार हैं. आलेख में व्यक्त विचार उनके निजी हैं.)
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FIRST PUBLISHED : October 21, 2022, 07:31 IST
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