Chhabra: बारां के भूलोन गांव में एक पखवाड़े पूर्व स्वर्ण समाज के लोगो द्वारा दलित युवको के साथ की गई मारपीट से आहत हो 250 दलित परिवारो ने शुक्रवार को हिंदू धर्म का त्याग करते हुए बौद्ध धर्म अपना लिया और अपने घरो से देवी-देवताओ की प्रतिमा और चित्र बैथली नदी में विसर्जित कर दिए. यहां दलितों का राज्य सरकार के खिलाफ आक्रोश भी जमकर फूटा.
जिला बैरवा महासभा युवा मोर्चा के अध्यक्ष बालमुकंद बैरवा ने बताया कि भूलोन गांव में 5 अक्टूबर को राजेंद्र और रामहेत ऐरवाल द्वारा मां दुर्गा की आरती की गई थी. इससे आक्रोशित सरपंच प्रतिनिधि राहुल शर्मा और लालचंद लोधा ने दोनों दलित युवको के साथ मारपीट की थी. समाज द्वारा राष्ट्रपति से लेकर जिला प्रशासन तक न्याय की गुहार लगाई पर पुलिस द्वारा सरपंच प्रतिनिधि के विरूद्ध कोई कार्यवाही नहीं की.
प्रशासन से प्रताड़ित परिजनों और ग्रामीणों ने शुक्रवार को गांव से गली-मोहल्लों से होती हुई. आक्रोश रैली निकाली गई. वही, बैथली नदी पर पहुंचकर देवी-देवताओं की प्रतिमाओं को निकाल नदी में विसर्जन कर डॉ. भीमराव अंबेडकर की 22 प्रतिज्ञाएं लेकर हिंदू धर्म छोड़ बौद्ध धर्म अपनाने की शपथ ली. बैरवा ने बताया कि दलित परिवार को लगातार जाने से मारने और गांव से बाहर निकालने की धमकियां दी जा रही हैं, अगर आरोपी को जल्द ही गिरफ्तार नहीं किया गया तो उपखंड कार्यालय पर विशाल प्रदर्शन किया जाएगा.
साथ ही यहां उन्होने राज्य में कानून व्यवस्था ठप होने और दलितों पर अत्याचार के मामले बढ़ने के आरोप लगाएं. इस अवसर पर रमेश मेराठा, बद्रीलाल बैरवा (छीपाबड़ौद), छीतरलाल बैरवा, पवन, रामहेत बैरवा, महेंद्र मीणा (तुर्कीपाड़ा) आदि मौजूद रहें. इस मामलें मे डीएसपी पूजा नागर ने बताया कि फरियादी द्वारा थाने में स्वयं द्वारा दर्ज कराई एफआईआर में सरपंच प्रतिनिधि का नाम नहीं लिखा है. इसे राजनीति तूल दिया जा रहा है. मामले की जांच की जारी है.
Reporter: Ram Mehta
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