ख़बर सुनें
लुधियाना। सरेबाजार साथियों के साथ मिल पारस खत्री को तेजधार हथियार से मौत के घाट उतारने वाले गैंगस्टर अजय पंडित का नाम एक बार फिर शहर में गूंजना शुरु हो चुका है। अजय पंडित क्राइम की दुनिया का नया नहीं बल्कि काफी पुराना खिलाड़ी है। महानगर की कई मारपीट की वारदातों में अजय पंडित शामिल रह चुका है और कई लोगों के साथ उसकी रंजिश चलती आ रही है। उसकी सफेद सफारी गाड़ी आज भी लोगों को पूरी तरह से याद है। इतना ही नहीं वह कमिश्नरेट पुलिस के साथ पहले भी आमने सामने हो चुका है।
वह पीछा कर रही पुलिस पार्टी पर ही गोलियां चला चुका है। आरोपी गैंगस्टर अजय पंडित के दबदबे को उस समय झटका लगा था जब आईपीएस अधिकारी स्वप्न शर्मा ने आरोपी गैंगस्टर अजय पंडित का काफी दूर तक पीछा कर उसे काबू कर लिया था। उसके बाद अजय पंडित का दबदबा खत्म करने के लिए आईपीएस अधिकारी स्वप्न शर्मा ने उसके कई साथियों को भी काबू किया। जिसके बाद अजय पंडित का खौफ लोगों के दिमाग से निकल गया था।
क्राइम की दुनिया का पुराना खिलाड़ी अजय पंडित करीब एक साल पहले जमानत पर जेल से बाहर आया था। जेल से बाहर आने के बाद वह छिटपुट वारदातों को अंजाम देता रहा, लेकिन उन मामलों का बाद में पुलिस के पास जाने से पहले ही समझौते हो गए। हालांकि उसका भाई राजन पंडित इस समय सुर्खियों में था। वह गैंगस्टरों के संपर्क में था और महानगर में कई वारदातों को अंजाम दे चुका है। महानगर में गोली चलने की कई वारदातों में राजन पंडित का नाम आ चुका है।
वह पुलिस की नजर से लगातार छिपता फिर रहा था। कमिश्नरेट पुलिस यह सोच रही थी कि राजन पंडित शहर में नहीं है, लेकिन दो दिन पहले हुई वारदात ने यह बात भी साफ कर दी कि पुलिस की खुफिया रिपोर्ट गलत है। राजन पंडित अपने भाई अजय पंडित के साथ सरेआम घूम रहा था। अजय पंडित ने बड़ी वारदात को अंजाम देने के बाद खुद का वजूद एक बार फिर बनाने की कोशिश की है, लेकिन पुलिस उसका वजूद बनने देगी या फिर उसे लंबे समय तक जेल में भेज पाएगी यह आने वाला समय बताएगा।
दो दिन बीतने के बाद भी कमिश्नरेट पुलिस के हाथ खाली
भामियां कलां के हुंदल चौक में सरेबाजार पारस खत्री और उसके दोस्त अभिषेक पर तेजधार हथियार से हमला कर पारस को मौत के घाट उतार दिया गया और अभिषेक जिंदगी मौत की लड़ाई लड़ रहा है। दो दिन बीतने के बाद भी एक भी आरोपी के बारे में पुलिस को कोई सुराग नहीं लगा है। थाना जमालपुर के एसएचओ इंस्पेक्टर बिक्रमजीत सिंह कहते हैं कि आरोपियों तलाश की जा रही है। जल्द ही आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
लुधियाना। सरेबाजार साथियों के साथ मिल पारस खत्री को तेजधार हथियार से मौत के घाट उतारने वाले गैंगस्टर अजय पंडित का नाम एक बार फिर शहर में गूंजना शुरु हो चुका है। अजय पंडित क्राइम की दुनिया का नया नहीं बल्कि काफी पुराना खिलाड़ी है। महानगर की कई मारपीट की वारदातों में अजय पंडित शामिल रह चुका है और कई लोगों के साथ उसकी रंजिश चलती आ रही है। उसकी सफेद सफारी गाड़ी आज भी लोगों को पूरी तरह से याद है। इतना ही नहीं वह कमिश्नरेट पुलिस के साथ पहले भी आमने सामने हो चुका है।
वह पीछा कर रही पुलिस पार्टी पर ही गोलियां चला चुका है। आरोपी गैंगस्टर अजय पंडित के दबदबे को उस समय झटका लगा था जब आईपीएस अधिकारी स्वप्न शर्मा ने आरोपी गैंगस्टर अजय पंडित का काफी दूर तक पीछा कर उसे काबू कर लिया था। उसके बाद अजय पंडित का दबदबा खत्म करने के लिए आईपीएस अधिकारी स्वप्न शर्मा ने उसके कई साथियों को भी काबू किया। जिसके बाद अजय पंडित का खौफ लोगों के दिमाग से निकल गया था।
क्राइम की दुनिया का पुराना खिलाड़ी अजय पंडित करीब एक साल पहले जमानत पर जेल से बाहर आया था। जेल से बाहर आने के बाद वह छिटपुट वारदातों को अंजाम देता रहा, लेकिन उन मामलों का बाद में पुलिस के पास जाने से पहले ही समझौते हो गए। हालांकि उसका भाई राजन पंडित इस समय सुर्खियों में था। वह गैंगस्टरों के संपर्क में था और महानगर में कई वारदातों को अंजाम दे चुका है। महानगर में गोली चलने की कई वारदातों में राजन पंडित का नाम आ चुका है।
वह पुलिस की नजर से लगातार छिपता फिर रहा था। कमिश्नरेट पुलिस यह सोच रही थी कि राजन पंडित शहर में नहीं है, लेकिन दो दिन पहले हुई वारदात ने यह बात भी साफ कर दी कि पुलिस की खुफिया रिपोर्ट गलत है। राजन पंडित अपने भाई अजय पंडित के साथ सरेआम घूम रहा था। अजय पंडित ने बड़ी वारदात को अंजाम देने के बाद खुद का वजूद एक बार फिर बनाने की कोशिश की है, लेकिन पुलिस उसका वजूद बनने देगी या फिर उसे लंबे समय तक जेल में भेज पाएगी यह आने वाला समय बताएगा।
दो दिन बीतने के बाद भी कमिश्नरेट पुलिस के हाथ खाली
भामियां कलां के हुंदल चौक में सरेबाजार पारस खत्री और उसके दोस्त अभिषेक पर तेजधार हथियार से हमला कर पारस को मौत के घाट उतार दिया गया और अभिषेक जिंदगी मौत की लड़ाई लड़ रहा है। दो दिन बीतने के बाद भी एक भी आरोपी के बारे में पुलिस को कोई सुराग नहीं लगा है। थाना जमालपुर के एसएचओ इंस्पेक्टर बिक्रमजीत सिंह कहते हैं कि आरोपियों तलाश की जा रही है। जल्द ही आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
श्रेय: स्रोत लिंक
इस बारे में चर्चा post