रायपुर। Swami Vivekanand Technical University : छत्तीसगढ़ की राज्यपाल अनुसुईया उइके ने बुधवार को 3 विधेयकों पर हस्ताक्षर किया। इसी के साथ ही ये तीनों विधेयक अब कानून गए हैं। इन विधेयकों में छत्तीसगढ़ विद्युत शुल्क संशोधन विधेयक, छत्तीसगढ़ भूजल प्रबंधक व विनियमन विधेयक, स्वामी विवेकानंद तकनीकी विवि संशोधन विधेयक शामिल हैं। इन तीनों ही विधेयक पर राज्यपाल अनुसुईया उइके ने हस्ताक्षर कर दी हैं।
अब तकनीकी विवि के कुलपति का कार्यकाल 5 साल का होगा। बता दें कि छत्तीसगढ़ भू-जल (प्रबंधक और विनिमयन) विधेयक छत्तीसगढ़ विधानसभा की ओर से 25 जुलाई 2022 को पारित किया गया था। राज्य में विशेष रूप से संकटग्रस्त ग्रामीण एवं नगरीय क्षेत्रों में, परिणात्मक एवं गुणात्मक दोनों रूप में, भूजल का प्रबंधन सुनिश्चित करने हेतु भू-जल की सुरक्षा, संरक्षा, नियंत्रण आदि विषयों के संबंध में ये विधेयक पारित किया गया है। इस विधेयक में राज्य स्तर पर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में राज्य भू-जल प्रबंधन और नियामक प्राधिकरण गठन करने का प्रावधान किया गया है।
Read more : ‘अंडरगारमेंट जरूर पहनें एयर होस्टेस, खराब होती है एयरलान्स की इमेज’, इस कंपनी ने जारी किया निर्देश
जानें क्या है छत्तीसगढ़ भूजल प्रबंधक व विनियमन विधेयक?
इसके अलावा इस प्राधिकरण में 16 सदस्य भी होंगे। इसमें छत्तीसगढ़ राज्य में भू-जल प्रबंधन का दीर्घकालीक कार्य करने का अनुभव रखने वाले तीन विषय विशेषज्ञों एवं सार्वजनिक/ गैर सरकारी संगठन/ सामाजिक क्षेत्र के एक प्रख्यात व्यक्ति को भी सदस्य के रूप में नामित करने का प्रावधान किया गया है। गैर-अधिसूचित/अधिसूचित क्षेत्रों में औद्योगिक/वाणिज्यिक/खनन के लिए भू-जल निष्कर्षण हेतु अनुमति देने का कार्य यह प्राधिकरण करेगा। जिला स्तर पर कलेक्टर की अध्यक्षता में भू-जल प्रबंधन परिषद् गठन करने का प्रावधान किया गया है।
Read more : चंड़ीगढ़ यूनिवर्सिटी के बाद अब इस हॉस्टल के छात्राओं का नहाते हुए MMS वायरल, मचा हड़कंप
साथ ही कलेक्टर जिला भू-जल शिकायत निवारण अधिकारी के रूप में भी कार्य करेगा। इसके अलावा विकासखण्ड स्तर पर जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी की अध्यक्षता में संबंधित विकासखण्ड में भू-जल उपयोगकर्ता पंजीकरण समिति गठन करने का भी प्रावधान किया गया है। विधेयक के तहत् समुचित निकाय में रजिस्ट्रिीकरण के बिना भू-जल निकालना अपराध होगा। इस विधेयक में बनाए गए नियमों के उल्लंघन करने पर कारावास और जुर्माने का प्रावधान भी किया गया है।
श्रेय: स्रोत लिंक
इस बारे में चर्चा post