Edited By Niyati Bhandari,Updated: 24 Oct, 2022 10:22 AM
दिवाली यानी वो त्योहार, जो मन के अंधेरे को उजाले से रोशन कर देता है। यही वजह है कि दिवाली पर्व का हिंदू धर्म में बेहद महत्व है और प्रत्येक भारतवासी
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नई दिल्ली (नवोदय टाइम्स): दिवाली यानी वो त्योहार, जो मन के अंधेरे को उजाले से रोशन कर देता है। यही वजह है कि दिवाली पर्व का हिंदू धर्म में बेहद महत्व है और प्रत्येक भारतवासी इसे हर्षोल्लास के साथ मनाता है। आज दिवाली है जो आसमान में फैले अमावस्या के अंधकार को दीपक के प्रकाश के माध्यम से दूर कर देगी। लोगों ने दिवाली को मनाने के लिए लगभग सभी तैयारियां कर ली हैं। गिफ्ट बांटने से लेकर घर की साफ-सफाई व सजावट तक का काम संपन्न हो चुका है। लेकिन बाजारों में भीड़ है कि छंटने का नाम ही नहीं ले रही है। लोग कोरोना जैसी वैश्विक महामारी से अब जाकर कहीं उबरें हैं तो दिवाली को इस साल खुलकर मनाना चाहते हैं।
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Diwali story: मालूम हो कि कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि के दिन भगवान श्रीराम 14 वर्षों का वनवास काट कर अयोध्या -नगरी वापस लौटे थे। तो अयोध्यावासियों ने उनके आगमन पर घी के दीये जलाए थे। ये पर्व सिर्फ भगवान राम के आगमन की खुशी में ही नहीं मनाया जाता बल्कि प्रकाश को जीत का प्रतीक भी माना गया है।
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यही वजह है कि लोग नए कपड़े पहनकर सज-धज कर अपने बड़ों का आशीष प्राप्त करते हैं और विधिपूर्वक पूजन करते हैं। सोमवार को दिवाली की तैयारियों को लेकर रविवार वीकेंड होने की वजह से बाजार काफी सजे हुए थे और लोगों ने जमकर खरीदारी की। खासकर पूजा की सामग्री लोगों ने खरीदी। हिंदू पंचाग के अनुसार इस वर्ष अमावस्या तिथि 24 अक्तूबर 2022 को है।
समुद्र मंथन से निकली थीं माता लक्ष्मी: पौराणिक कथाओं के अनुसार आज ही के दिन धन-धान्य की देवी, सर्व सुख प्रदान करने वाली माता लक्ष्मी समुद्र मंथन से निकली थीं। यही वजह है कि दिवाली पर्व पर विशेष रूप से माता लक्ष्मी व प्रथम देव गजानन की पूजा विधिपूर्वक की जाती है।
पांडवों के 13 वर्ष के वनवास से लौटने पर भी मनी थी दिवाली
महाभारत जैसे प्रख्यात ग्रंथ के अनुसार कार्तिक मास की अमावस्या तिथि को ही पांडव भी अपना 13 वर्षों का वनवास पूरा कर घर लौटे थे। उनके घर आगमन की खुशी में नगरवासियों ने दीप जलाकर उनका स्वागत किया था।
Laxmi puja muhurat जानें कब है लक्ष्मी पूजा का शुभ मुहूर्त
24 अक्तूबर दिल्ली में दिवाली के दिन लक्ष्मी पूजा का शुभ मुहूर्त ज्योतिषियों के अनुसार घरों में रात 7 बजकर 25 मिनट से रात 9 बजकर 15 मिनट तक रहेगा। वहीं व्यापारिक संस्थानों में रात्रि में कभी भी महालक्ष्मी की पूजा की जा सकती है लेकिन सबसे अच्छा मुहूर्त शाम 3 बजकर 5 मिनट से 4 बजकर 35 मिनट का है। रात का शुभ मुहूर्त शाम 5 बजकर 25 मिनट से 11 बजकर 2 मिनट तक का बताया जा रहा है।
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