नई दिल्ली: ईरान में महसा अमिनी की मौत पर विरोध प्रदर्शन जारी है, देश की परमाणु ऊर्जा एजेंसी ने रविवार को आरोप लगाया कि उसकी एक सहायक कंपनी का ईमेल सर्वर को हैक कर लिया गया.
खबरों के मुताबिक, ईरान के परमाणु ऊर्जा संगठन (एईओआई) ने बुशहर परमाणु ऊर्जा संयंत्र के ईमेल सर्वर पर साइबर हमले की पुष्टि करते हुए बताया कि इसके पीछे ‘एक निश्चित विदेशी मुल्क’ हो सकता है.
ऊर्जा एजेंसी के अधिकारियों के अनुसार, ‘यह ध्यान देने योग्य है कि (हैक) यूजर्स के ईमेल में सामग्री तकनीकी संदेश और सामान्य, दैनिक आदान-प्रदान करती है.
2011 में रूसी तकनीक के उपयोग से बनाया गया बुशहर ईरान का पहला परमाणु ऊर्जा संयंत्र है जो फारस की खाड़ी के किनारे स्थित है.
अमिनी की मौत के बाद विरोध प्रदर्शन ईरान में राष्ट्रव्यापी स्तर पर चल रहे हैं. अमिनी को ईरान सरकार की नैतिकता पुलिस ने हिरासत में ले लिया था, क्योंकि उसने हिजाब ठीक से नहीं पहना था. हिरासत में उसकी मौत ने प्रदर्शनकारियों और अधिकारियों के बीच हिंसक झड़पों को जन्म दिया जिसमें कई लोगों की मौत हो गई.
अच्छी पत्रकारिता मायने रखती है, संकटकाल में तो और भी अधिक
दिप्रिंट आपके लिए ले कर आता है कहानियां जो आपको पढ़नी चाहिए, वो भी वहां से जहां वे हो रही हैं
हम इसे तभी जारी रख सकते हैं अगर आप हमारी रिपोर्टिंग, लेखन और तस्वीरों के लिए हमारा सहयोग करें.
अभी सब्सक्राइब करें
‘ब्लैक रिवार्ड’ नाम के एक ईरानी हैकिंग समूह ने हाल ही में ट्विटर पर पोस्ट किया और घोषणा की कि उसने अमिनी की मौत पर ईरान में चल रहे विरोध के समर्थन में बुशहर संयंत्र में ईरान की परमाणु गतिविधियों से संबंधित जानकारी हैक की है.
परमाणु ऊर्जा एजेंसी में काम कर रहे ईरानी और रूसी परमाणु विशेषज्ञों के वीजा के विवरण लीक करने के अलावा, समूह ने कहा कि इसमें ‘बुशहर बिजली संयंत्र के विभिन्न हिस्सों के प्रबंधन और संचालन कार्यक्रम’ की जानकारी भी शामिल हैं.
शनिवार को ब्लैक रिवार्ड का एक बयान ‘महसा अमिनी के नाम और महिलाओं के लिए, जीवन, स्वतंत्रता’ शब्दों के साथ खत्म हुआ.
परमाणु ऊर्जा संगठन ने कहा, ‘यह कदम जनता का ध्यान आकर्षित करने के उद्देश्य से किया गया था.’
यह भी पढ़ेंः गांधी परिवार ने दिखाई अपनी ताकत और शशि थरूर को बताई उनकी सही जगह
श्रेय: स्रोत लिंक
इस बारे में चर्चा post