पालीPublished: Oct 25, 2022 11:24:37 am
सोजत में हर साल करीब 22 लाख बोरे मेहंदी मंडी में बिकने आती है। शुरुआत की आवक के समय दाम अच्छे मिलते हैं। आवक बढ़ने के साथ दाम भी गिरने लगते हैं।
पाली. बेहतर गुणवत्ता और अपने चटकदार रंग के कारण राजस्थान के पाली जिले के सोजत की मेहन्दी का अंतर्राष्ट्रीय बाजार में अपना खास महत्त्व है। इसके कारण वह बन्दरगाहों से लदान तथा वायु मार्ग से अमेरिका एवं खाड़ी के देशो में भारी मात्रा में निर्याप्त होती है।उल्लेखनीय है कि अंतर्राष्ट्रीय बाजार में सोजत की साख कायम कर विदेशी मुद्रा का अर्जन करने वाली सोजत की मिट्टी की महक सुदूर देशों तक बिखर रही है। सम्पूर्ण राष्ट्र में मेहंदी उत्पादन क्षेत्रों में गुजरात, महाराष्ट्र, राजस्थान की गणना होती है। देश की प्रमुख उत्पादन कम्पनियां भी जोर शोर से मेहन्दी क्षेत्र में मार्केटिंग के लिए उतरी हैं। जिसमें पेस्ट पाऊडर व डाई के जरिए उपभोक्ताओं तक अपनी पहुंच कायम करने के लिए वैज्ञानिक तरीके से उत्पादकों के विस्तार का प्रयास कर रही है। वहीं यहां के काश्तकारों को लागत से फसल प्राप्ति के लिए खर्च ज्यादा करना पड़ रहा है। क्षेत्र में वर्षभर में बीस से बाईस लाख बोरे मेहन्दी व नवम्बर दिसम्बर माह में खूटन की आवक हो जाती है। ज्यादा मेहंदी की आवक के समय बाजार में इसके दाम बढ़ते घटते रहते हैं। वर्तमान में यहां की कृर्षि मंडी में पड़े मेहन्दी के बोरों के भाव 1900 से लेकर साढ़े तीन हजार तक के हैं। कई काश्तकारों और व्यापारियों के पास पहले से ही बोरों का स्टॉक पड़ा है। भाव गिरने व बढ़ने से काश्तकार वर्ग को नुकसान उठाना पड़ता है। सोजत क्षेत्र की आर्थिक फसल के रूप में मेहंदी का अपना विशेष स्थान है जो अपने रंग की खासियत के कारण तो प्रसिद्ध है ही हैं। श्रृंगार एवं सौभाग्य कि प्रतीक होने के साथ ही प्राकृतिक जड़ी बूटी के रूप में भी इसका विशेष महत्व है। मेहंदी के कोण शहर में सौ से अधिक घरों मे वर्तमान में तैयार हो रहे हैं। मेहन्दी के कोण का व्यवसाय बीते कई वर्षों से ज्यादा होने लगा है। प्रति कोण पांच से दस रुपए तक बिक्री हो रही है। साथ प्रति दर्जन 45 से 70 तक के भाव में बेचे जा रहे है। कोण का व्यवसाय दस हजार रुपए की लागत से शुरू हो जाता है और घरेलू उद्योग के रूप में युवक, युवतियां, महिलाओं को भी इससे रोजगार मिल रहा है। मेहंदी के कोण तीज त्योहार, होली, दीपावली, रक्षा बंधन, ईद, रमजान माह, शादी विवाह के सीजन में ज्यादा बिक्री होती है। कोण बनाकर बैचने से मेहन्दी व्यवसाय के पाऊडर कि बिक्री पर काफी असर पड़ा है। वर्तमान में यहां मंडी में मेहन्दी के बोरे की खरीद नहीं के बराबर है। इस बार बारिश की आवक तेज रही है तथा मेहन्दी की फसल में भारी बढ़ोतरी हुई है। क्षेत्र में मेहंदी की लगभग तीन दर्जन से अधिक फैक्ट्रियां लगी हुई है जहां मेहंदी पिसाई का कार्य चल रहा है।
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