हाइलाइट्स
जैन धर्म के लोग जमीकंद जैसे आलू, प्याज, लहसुन, गाजर, मूली नहीं खाते.
इस धर्म में रात्रि भोजन भी निषेध माना गया है, वे शाम तक खा लेते हैं
नई दिल्ली. दुनियाभर के कई मत-संप्रदायों अथवा मजहबों में कुछ रीति-रिवाज़ या नियम ऐसे हैं, जो दूसरों के अनुयायियों के लिए विवाद या हास्य का विषय बन जाते हैं. जो मत-संप्रदायों अथवा मजहब सबसे प्राचीन माने गए हैं, उनमें हिंदू, जैन व बौद्ध शामिल हैं. ये तीनों ऐसे पंथ हैं जो- ‘अहिंसा परमो धर्म’ के वाक्य को स्वीकार करते हैं, यानी इंसानों को हिंसा से बचने के लिए कहते हैं. वहीं, इनमें जीवों का भक्षण करना भी हराम माना गया है, अर्थात् ये शुद्ध-शाकहार, जिसे सात्विक भोजन कहा गया है, ग्रहण करने को कहते हैं.
राजस्थान की एक जर्नलिस्ट निशि जैन कहती हैं, “हिंदुओं में कुछ धर्मगुरु लहसुन-प्याज न खाने को कहते हैं, उसी प्रकार जैन साधक आलू-जिमीकंद जैसी सब्जियां न खाने को कहते हैं. मुस्लिमों और क्रिश्चियनों में मांस खाना जीने का तरीका माना जाता है. तो वहीं, भारतीय मुस्लिम सूअर नहीं खाने को कहते हैं. बहुतायत मुस्लिम मानते हैं कि, उनके ईष्ट अल्लाह ने धरती पर जो कुछ भी बनाया या प्राणियों के रूप में भेजा, वो उपभोग के लिए ही है.
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अर्थात् किसी जीव-जंतु को हलाल कर उसे खाया जा सकता है. वहीं, हिंदुओं में भी बहुत से लोग गोश्त खाने को बुरा नहीं मानते. बहुत-से मांसाहारी हिंदू केवल सावन मास में मांस से परहेज करते हैं.” जैन धर्म में आलू-जिमीकंद जैसी सब्जियां क्यों वर्जित हैं?, इस पर कई धर्मगुरु कहते हैं कि, जो सब्जी जमीन के अंदर होती है (जिसे कंद कहते हैं), वो जैनियों में अशुद्ध मानी जाती है. जैसे- जमीकंद आलू, प्याज, लहसुन, गाजर, मूली आदि खाना निषेध है.
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आलू को उत्तर भारत में सब्जियों का राजा भी कहते हैं, और रूस-यूक्रेन जैसे देशों में भी यह सब्जी ज्यादा होती है, मगर..जैन धर्म के अनुयायी जहां रहते हैं उनमें से ज्यादातर आलू की सब्जी को खाने से बचते हैं. वे व्रत में पानी नहीं लेते, एक बार शाम को पीते हैं. इसके अलावा वे अंतिम आराधना के रूप में सल्लेखना या संथारा करते हैं.
(Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारियां और सूचनाएं सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं. Hindi news18 इनकी पुष्टि नहीं करता है. इन पर अमल करने से पहले संबधित विशेषज्ञ से संपर्क करें)
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Tags: Dharma Aastha, Dharma Culture, Religion
FIRST PUBLISHED : October 26, 2022, 03:45 IST
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