एजेंसियां — नई दिल्ली
ग्रीन एनर्जी सेक्टर में भारत बड़ा खिलाड़ी बनने जा रहा है। भारत 2025 से हरित ऊर्जा का निर्यात शुरू कर देगा और पहली खेप सिंगापुर के बिजली संयंत्र को भेजी जाएगी। इस बारे में एक भारतीय कंपनी और सिंगापुर की ऊर्जा कंपनी के बीच समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर हुए हैं। भारत की नवीकरणीय ऊर्जा कंपनी ग्रीनको और सिंगापुर की केप्पल इन्फ्रास्ट्रक्चर ने सिंगापुर स्थित केप्पल के नए 600 मेगावॉट के ऊर्जा संयंत्र के लिए सालाना 250000 टन की ऊर्जा आपूर्ति के लिए अनुबंध किया है। एमओयू पर हस्ताक्षर सिंगापुर इंटरनेशनल एनर्जी वीक के दौरान किए गए। ग्रीनको ग्रुप के प्रेजिडेंट और ज्वाइंट एमडी महेश कोली ने कहा कि भारत 2025 से पहली बार ऊर्जा का निर्यात करेगा। उन्होंने कहा कि ग्रीनको 2025-26 के बाद हरित हाइड्रोजन का निर्यात भी करेगी। उन्होंने अनुमान जताया कि हरित ईंधन की मांग सालाना पांच करोड़ टन होगी जिसमें से 1.5 करोड़ टन जलपोतों में इस्तेमाल होने वाला ईंधन होगा। ग्रीनको ने पिछले महीने दक्षिण कोरिया की इस्पात और ऊर्जा उत्पादक पॉस्को को सालाना 10 लाख टन हरित अमोनिया की आपूर्ति के लिए एक समझौता किया था। यह आपूर्ति भी 2025-26 से शुरू होने का अनुमान है।
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