बीजिंग,पीटीआइ। 2022 के पहले नौ महीनों के दौरान भारत और चीन के बीच द्विपक्षीय कारोबार 100 अरब डालर के पार पहुंच गया है। चीन के कस्टम विभाग की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार, इस अवधि में भारत का व्यापार घाटा बढ़कर 75 अरब डालर से ज्यादा पर पहुंच गया है। डाटा के मुताबिक, जनवरी-सितंबर 2022 के दौरान भारत और चीन के बीच कुल 103.63 अरब डालर का द्विपक्षीय कारोबार हुआ है।
भारत का व्यापार घाटा बढ़कर 75.69 अरब डालर हुआ
मालूम हो कि एक वर्ष पहले की समान अवधि के मुकाबले इसमें 14.6 प्रतिशत की वृद्धि रही है। इस अवधि में चीन से भारत के लिए निर्यात 89.66 अरब डालर रहा है। इसमें 31 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। वहीं, इस अवधि में भारत से चीन के लिए केवल 13.97 अरब डालर का निर्यात हुआ है और इसमें 36.4 प्रतिशत की गिरावट रही है। ऐसे में भारत का व्यापार घाटा बढ़कर 75.69 अरब डालर रहा है।
दोनों देशों के बीच हुआ 125 अरब डालर का कारोबार
पिछले वर्ष दोनों देशों के बीच 125 अरब डालर का द्विपक्षीय कारोबार हुआ था। यह रिकार्ड कारोबार ऐसे समय में हुआ था, जब लद्दाख में सीमा पर दोनों देशों के बीच तनाव बना हुआ था। बीते वर्ष चीन का भारत के लिए निर्यात 46.2 प्रतिशत बढ़कर 97.52 अरब डालर रहा था, जबकि भारत से चीन के लिए निर्यात 34.2 प्रतिशत बढ़कर 28.14 अरब डालर रहा था। इस अवधि में भारत का व्यापार घाटा 69.38 अरब डालर रहा था।
एफटीए को लेकर भारत के साथ वार्ता पूरी
ब्रिटेन के व्यापार मंत्री ग्रेग हेंड्स ने बुधवार को कहा कि भारत के साथ मुक्त व्यापार समझौता (एफटीए) को लेकर अधिकांश मुद्दों पर वार्ता पूरी हो गई है। अब केवल दोनों देशों के बीच समझौते पर हस्ताक्षर होने हैं। हेंड्स ने संसद में कहा कि हम अधिकांश मुद्दों पर बातचीत पूरी कर चुके हैं और अगले दौर की बातचीत जल्द होगे। इससे पहले दोनों देशों ने दीपावली से पहले एफटीए वार्ता को पूरा करने का लक्ष्य तय किया था, जिसे पूरा नहीं किया जा सका है। ग्रेग हेंड्स ने भारत को आर्थिक महाशक्ति बताते हुए कहा कि एफटीए से गतिशील बाजार में पहुंच बढ़ेगी।
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Edited By: Sonu Gupta
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