जागरण संवाददाता, हल्द्वानी : उत्तराखंड में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत संचालित जन आरोग्य अभियान की रिपोर्ट सचेत करने वाली है। नैनीताल जिले में ही एक महीने में लगभग 40 हजार लोगों की स्वास्थ्य जांच हुई है। इसमें सबसे अधिक जीवनशैली से जुड़ी बीमारी हाइपरटेंशन व डायबिटीज के मामले सामने आए हैं। यह संख्या तीन प्रतिशत से ज्यादा है। इसके अतिरिक्त तमाम तरह की कम्यूनिकेबल व नान कम्यूनिकेबल बीमारियां शामिल हैं।
जिले में कम्यूनिटी हेल्थ आफिसर (सीएचओ) के 102 पद निर्धारित हैं। इसके सापेक्ष वर्तमान में 73 सीएचओ ही कार्यरत हैं। बीएससी नर्सिंग, जीएनएम आदि इसी तरह की डिग्री हासिल करने वाले सीएचओ को वेलनेस सेंटर की जिम्मेदारी दी है। जब स्वास्थ्य विभाग ने वेलनेस सेंटरों की समीक्षा की तो पाया कि अधिकांश सेंटरों में 10-15 मरीज ही पहुंच रहे हैं। इसे देखते हुए विभाग ने प्रदेश में व्यापक स्तर पर जन आरोग्य अभियान चलाने का निर्णय लिया।
नैनीताल जिले में भी अभियान संचालित है। इसमें अब तक लगभग 40 हजार लोगों की स्क्रीनिंग हो चुकी है। इस रिपोर्ट के तहत अब तक तीन प्रतिशत से ज्यादा लोग केवल हाइपरटेंशन व डायबिटीज से ग्रस्त मिले हैं। इसमें ऐसे भी मरीज थे, जिन्हें इस बीमारी की जानकारी ही नहीं थी। सबसे अच्छी पहल यह है कि सीएचओ बीमारी के इलाज के इलाज के लिए सरकारी अस्पतालों में रेफर करते हैं। जिनमें से अधिकांश ने इलाज भी शुरू करवा दिया है।
सात सितंबर को हुआ था अभियान का शुभारंभ
स्वास्थ्य मंत्री डा. धन सिंह रावत ने सात सितंबर, 2022 को देहरादून में जन आराेग्य अभियान का शुभारंभ किया था। इस अभियान के तहत स्वास्थ्य विभाग की टीमें गांव-गांव व बस्तियों में जाकर लोगों का स्वास्थ्य परीक्षण किया जाना है। दो अक्टूबर से अभियान में तेजी आई।
इलाज के लिए किया जा रहा जागरूक
डा. भागीरथी जोशी, सीएमओ नैनीताल ने बताया कि जन आरोग्य के योजना के तहत गांव-गांव जाकर हेल्थ स्क्रीनिंग का काम चल रहा है। इसकी लगातार मानिटनिरंग की जा रही है। इसका उद्देश्य लोगों को बीमारियों के इलाज के लिए जागरूक करना है। साथ ही जांच कर सरकारी अस्पतालों में इलाज के लिए भेजना है। इसका अच्छा रिस्पांस मिल रहा है।
Edited By: Skand Shukla
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