नई दिल्ली, स्पोर्ट्स डेस्क। टी20 विश्व कप के सुपर-12 के ग्रुप मुकाबले में इतिहास रचने जा रहा है। भारत और नीदरलैंड के मैच में दो सिख आमने-आमने होंगे। एक भारत का स्टार गेंदबाज अर्शदीप (Arshdeep singh) है तो दूसरा नीदरलैंड का प्रतिभाशाली बल्लेबाज विक्रम जीत सिंह (Vikramjit Singh)।
उन्नीस साल के विक्रमजीत सिंह को नीदरलैंड में सबसे प्रतिभाशाली क्रिकेट प्रतिभाओं में से एक माना जाता है। वह गुरुवार को अपने भारत के खिलाफ मैदान में उतरेंगे। विक्रमजीत का जन्म पंजाब के चीमा खुर्द में हुआ था, जब वह 7 साल के थे तभी वह नीदरलैंड चले गए।
17 साल की उम्र में राष्ट्रीय टीम में मिली जगह
नीदरलैंड में अंडर-12 टूर्नामेंट के दौरान डट कप्तान पीटर बोरेन की निगाह 11 साल के विक्रमजीत पर पड़ी। इसके बाद उन्हें स्पोर्ट्स गुड्स मैन्युफैक्चरर्स कंपनी से स्पॉन्सरशिप मिली। इस कंपनी ने सचिन तेंदुलकर, सौरव गांगुली, महेंद्र सिंह धोनी और हरभजन सिंह जैसे दिग्गजों के लिए बैट बनाया था।
भारत में ली क्रिकेट की ट्रेनिंग
15 साल की उम्र में विक्रमजीत नीदरलैंड्स ‘ए’ की तरफ खेलने लगे थे। दो साल बाद, उन्होंने अपनी सीनियर टीम में पदार्पण किया। नीदरलैंड जैसे देश में एक पेशेवर क्रिकेटर बनना आसान नहीं था। विक्रमजीत ने प्रतिभा को निखारने के लिए चंडीगढ़ के उनियाल में गुरुसागर क्रिकेट अकादमी में छह महीने तक ट्रेनिंग ली। विक्रमजीत ने 2021 में भारत के पूर्व अंडर-19 खिलाड़ी तरुवर कोहली के साथ जालंधर में प्रशिक्षण शुरू किया। इसके बाद कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा।
दादा ने नीदरलैंड में शुरू की थी परिवहन कंपनी
1985 में जब पंजाब में उग्रवाद शुरू हुआ था तो विक्रमजीत के दादा ने खुशी चीमा खुर्द छोड़ दिल्ली आ गए थे। उसके बाद परिवार सहित नीदरलैंड चले गए। टैक्सी चलाकर परिवार को गुजर बसर किया। धीरे-धीरे परिवहन कंपनी शुरू की। 2000 में खुशी चीमा ने कंपनी बेटे हरप्रीत को सौंप वापस भारत लौट आए।
Edited By: Umesh Kumar
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