यूपी पुलिस का बदलेगा लुक
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मुख्य बातें
- 10 जिलों में हाइटेक लॉ एंड आर्डर QRT की स्थापना करने की तैयारी है।
- बॉडी वार्न कैमरे के जरिए, क्राइम सीन और जांच के दौरान मदद ली जाती है।
- सभी जिलों में क्राइम सीन वीडियोग्राफी ऐप की इस्तेमाल होगा।
बॉडी वार्न कैमरा और फुल बॉडी प्रोटेक्टर ऐसे करेंगे मदद
उत्तर प्रदेश सरकार के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार गृह विभाग ने पुलिस आधुनिकीकरण योजना के तहत 1200 बॉडी वार्न कैमरा खरीदने के लिए 4.8 करोड़ और महिलाओं के लिए 1650 फुल बॉडी प्रोटेक्टर खरीदने के लिए 2.48 करोड़ रूपये की राशि की मंजूरी दे दी है। बॉडी वार्न कैमरे के जरिए, क्राइम सीन और जांच के दौरान मदद ली जाती है। यह आम तौर पुलिस अधिकारी द्वारा शरीर के धड़ पर पहना जाता है। जिसमें ऑडियो, वीडियो या फोटोग्राफिक रिकॉर्डिंग सिस्टम होता है। इसके जरिए पुलिस घटनाओं को रिकॉर्ड करने का काम करती है।
इसी तरह, महिलाओं के लिए खरीदे जाने वाले फुल बॉडी प्रोटेक्टर का इस्तेमाल उनकी सुरक्षा के लिए किया जाएगा। जो कि किसी उपद्रव और दंगे की स्थिति में जवान को पूरी सुरक्षा प्रदान करेगा।
इस समय उत्तर प्रदेश में करीब 2.5 लाख जवान और अधिकारी हैं।
अपराध | संख्या/रेट |
साल 2021 में IPC और SLL के तहत दर्ज केस | 608082 |
प्रति एक लाख आबादी पर अपराध | 262.4 |
चार्जशीट रेट | 82.1 |
इसी तरह अपराधिक घटना स्थल और किसी हादसे पर तुरंत पहुंचने और उसके लिए तुरंत एक्शन लेने के लिए 10 जिलों में हाइटेक लॉ एंड आर्डर QRT की स्थापना करने की तैयारी है। इसके अलावा 6.75 करोड़ की लागत से एसआईटी, ईओडब्ल्यू, सीबीसीआईडी और एसीओ के जांच और विवेचना के लिए एक डेडिकेटेड FSL की स्थापना करने की योजना है । कन्नौज में डेडिकेटेट मिनी टेक्निकल लैब भी विकसित किया जा रहा है। साथ ही 10 जिलों में करीब 641 करोड़ रुपए खर्च कर एडवांस सोशल मीडिया मानिटरिंग सेल की स्थापना भी की जाएगी।
सभी जिलों में क्राइम सीन वीडियोग्राफी ऐप
क्राइम सीन वीडियोग्राफी ऐप की मुजफ्फरनगर, बाराबंकी और अलीगढ़ में शुरूआत हो चुकी है। एनसीआरबी की ओर से विकसित क्राइम सीन वीडियोग्राफी ऐप को राज्य के अन्य जिलों में लागू करने के लिए कार्य योजना तैयार की गई है और तकनीकी सेवा मुख्यालय पर पूरी प्रक्रिया के लिए तकनीकी समिति गठित की गई है। कन्नौज, अलीगढ़, गोंडा और बरेली में फोरेंसिक लैब संचालित की जा चुकी है। अन्य 66 जिलों में अस्थायी फील्ड यूनिट की स्थापना की गई है। जबकि बाकी जिलों में जल्द ही डेडीकेटेड अस्थायी फील्ड यूनिट की स्थापना होगी।
इसके अलावा राज्य के 18 परिक्षेत्रीय साइबर थानों के प्रशासनिक भवन निर्माण सम्बन्धी कार्यवाही की जा रही है। सात परिक्षेत्रीय साइबर थानों वाराणसी, झांसी, बस्ती, अलीगढ़ आजमगढ़, गोरखपुर और बांदा में इस दिशा में काम शुरू हो चुका है । प्रदेश के सभी 1531 थानों में साइबर हेल्प डेस्क की स्थापना भी पूरी कर ली गई है।
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