Publish Date: | Thu, 27 Oct 2022 03:00 PM (IST)
Naidunia Gurukul : खेलकूद का समय हमेशा बच्चों के मनोरंजन पर केंद्रित था। यह केवल कम उम्र के बच्चों तक ही सीमित नहीं था, बल्कि उम्र के उपयुक्त खेलों वाले बड़े बच्चों तक भी विस्तारित था। साइकिल चलाना, फुटबाल खेलना, कूदना आदि खेलों से समन्वय, मोटर कौशल आदि सिखाने में मदद करता है। यह उत्साह एवं मनोरंजन का एक अद्भुत स्त्रोत प्रदान करते हुए बच्चों को आकर्षित करने का एक अच्छा तरीका था। 1952 में बनाए गए प्रथम वीडियो गेम आक्सो से प्रेरित सुपर मारियों ब्रदर्स, लेजेंटर्स आफ जेल्डा आदि जैसे उच्च स्तरीय वीडियो गेम आदि ने 1980 के दशक के मध्य में प्रवेश किया। 1990 के दशक की शुरुआत में माटल काम्वेट स्ट्रीट फाइटर जैसे हिंसक लड़ाकू खेलों का आगमन हुआ। जिसने अभिभावकों को खूब परेशान किया। एंग्री वर्ड और केंडीक्रश जैसे खेल लांच होने पर मोबाइल खेलों की शुरुआत हुई। किसी भी माता-पिता के लिए अपने बच्चे को बाहर जाने या अपना गृहकार्य पूरा करने की बजाय लम्बे समय तक स्क्रीन के सामने बैठे रहना देखना दुखदायी होता है। लेकिन एक शिक्षक के रूप में मुझे कभी-कभी आश्चर्य होता है कि क्या गेमिंग का किसी बच्चे के स्वास्थ्य और जीवनशैली पर कोई सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। इस पर विचार करते हुए मैंने वीडियो गेम, आनलाइन गेम, गेमिंग एप्स के फायदे और नुकसान को देखने की कोशिश की।
कुछ वीडियो गेम्स बच्चों को दृश्य और आंख, हाथ, समन्वय कौशल, योजना बनाने, टीम भावना को विकास करने में मदद करते हैं। एंर्गी वर्ड जैसे खेल मूड में सुधार कर सकते हैं। यह बच्चों में मल्टी टास्किंग कौशल में सुधार करने में मदद करता है। ऐसे भी खेल हैं जो बच्चों की तार्किक समस्या समाधान का कौशल विकसित करते हैं। वीडियो गेम की लत कई बार बहुत बुरी भी होती है। जो बच्चों की बुद्धि को क्षीण करती है। ये बच्चों को वास्तविकता और कल्पना के बीच अंतर करने में भ्रमित कर देती है। रोमिंग गेम बच्चों को अभद्र भाषा, गालीगलौज और अनुचित व्यवहार करना सिखाती है। अनजान लोगों के साथ आनलाइन खेल खेलने से बच्चों की सुरक्षा और सेहत को खतरा हो सकता है।
अंत में मैं यह कहना चाहती हूं कि वीडियो गेम तब तक मजेदार हो सकते हैं जब तक कि बच्चों के विकास के लिए अच्छी गतिविधियों के साथ स्क्रीन के समग्र उपयोग को संतुलित करे। माता-पिता को निगरानी करनी चाहिए कि बच्चा कौन सा खेल खेल रहा है। या उनके साथ अहिंसक वीडियो गेम खेलें। अभिभावकों को यह भी ध्यान देना चाहिए कि किशोरावस्था में यदि बच्चे किसी अन्य व्यक्ति के साथ आनलाइन गेम खेल रहे हैं तो बच्चों से इंटरनेट सुरक्षा आदि की जानकारी हो। -नीनू मेबन, वाइस प्रिंसिपल, जॉय सीनियर सेकेंडरी स्कूल विजयनगर
Posted By: Mukesh Vishwakarma
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