अमेरिका ने एक बार फिर से भारत के प्रति सहयोग की बात कही है. इसके साथ ही अमेरिका ने चीन का हाल के दशकों में अपना अहम रणनीतिक प्रतिद्वंद्वी भी करार दिया है.
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भारत से लगी सीमा पर चीन की ओर से की जा रही साजिशों के खिलाफ अमेरिका ने एक बार फिर से भारत के प्रति सहयोग की बात कही है. इसके साथ ही अमेरिका ने चीन का हाल के दशकों में अपना अहम रणनीतिक प्रतिद्वंद्वी भी करार दिया है. अमेरिकी नेशनल डिफेंस स्ट्रैटजी (एनडीएस) ने भारत के साथ समुद्री और जमीनी तौर पर रक्षा क्षेत्र में साझेदारी बढ़ाने की भी प्रतिबद्धता जताई है. अमेरिका ने यह भी कहा है कि वह चीन की ओर से भारत समेत अन्य देशों के साथ सीमा पर की जा रही साजिशों के खिलाफ सभी देशों का साथ देगा.
अमेरिकी रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन ने गुरुवार को अमेरिका की एनडीएस को जारी किया. हाल ही में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के प्रशासन ने भी नेशनल सिक्योरिटी स्ट्रैटजी को जारी किया था. इसमें चीन की प्रतिद्वंद्विता से निपटने और रूस को रोकने के प्रयास को प्राथमिकता बताया गया था. रक्षा मंत्री ने गुरुवार को कहा है कि चीन अगले कुछ साल अमेरिका के लिए प्रमुख रणनीतिक प्रतिद्वंद्वी करार दिया है.
भारत के साथ रक्षा सहयोग को आगे बढ़ाएगा अमेरिका
अमेरिका ने भारत का जिक्र करते हुए उसका सहयोग करने की बात कही है. एनडीएस में कहा गया है कि अमेरिकी रक्षा विभाग भारत के साथ रक्षा सहयोग को आगे बढ़ाएगा ताकि दोनों देशों की क्षमताएं बढ़ाने और हिंद महासागर में स्वतंत्र आवाजाही को सुनिश्चित किया जा सके. इसके साथ ही अमेरिका ने ताइवान के सहयोग की भी बात की है. अमेरिका के रक्षा मंत्री ने रक्षा विभाग से देश को चीन के खिलाफ तत्काल रूप से और सशक्त करने का निर्देश जारी किया है. इसके साथ ही रूस से भी निपटने और उसके खिलाफ तैयार रहने का निर्देश दिया है. इनके अलावा उत्तर कोरिया, ईरान और जलवायु परिवर्तन जैसे खतरों को देखते हुए भी तैयारी करने की बात कही है.
अमेरिकी एनडीएस में यह भी कहा गया है कि चीन की ओर से अमेरिका के सहयोगी देशों और साझेदारों को इंडो पैसिफिक क्षेत्र में कमतर करने की साजिश की जा रही है. इसके साथ ही भारत समेत अन्य देशों की सीमाओं के मामले में उन पर दबाव बनाने की कोशिश की जा रही है.
आतंकवाद के खिलाफ सम्मेलन में भारत आएगा अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल
वहीं दूसरी ओर भारत की मेजबानी में होने वाले संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के दो दिवसीय आतंकवाद रोधी सम्मेलन से पहले अमेरिका ने इसे वैश्विक समस्या से लड़ने के लिहाज से दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने के लिए महत्वपूर्ण सम्मेलन बताया है. भारत पहली बार संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की आतंकवाद रोधी समिति (सीटीसी) की विशेष बैठक की मेजबानी करेगा. बैठक में आतंकवाद के उद्देश्य से नयी और उभरती प्रौद्योगिकियों के उपयोग का मुकाबला करना के विषय पर चर्चा होगी. वरिष्ठ अमेरिकी राजनयिक क्रिस लू के नेतृत्व में अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल भारत का दौरा करेगा और 28-29 अक्टूबर को मुंबई तथा नयी दिल्ली में आयोजित सम्मेलन में भाग लेगा.
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