समी मोडक और आर्यमन गुप्ता / मुंबई/नई दिल्ली October 28, 2022 |
वियरेबल ब्रांड बोट की मूल कंपनी इमेजिन मार्केटिंग ने अपनी आईपीओ योजना को ठंडे बस्ते में डाल दिया है। वह ऐसा करने वाली हालिया घरेलू प्रौद्योगिकी कंपनी बन गई है। इसके साथ ही वह ऑनलाइन फार्मेसी फार्मईजी की मूल कंपनी एपीआई होल्डिंग्स और ऑनलाइन ऑटोमोबाइल मार्केटप्लेस ड्रूम टेक्नोलॉजी जैसी कंपनियों की जमात में शामिल हो गई है। इन कंपनियों ने भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के पास जमा कराए गए अपने आईपीओ के मसौदा दस्तावेज (डीआरएचपी) को वापस ले लिया है।
उद्योग के जानकार इस बात से इनकार नहीं करते हैं कि अब कई अन्य प्रौद्योगिकी कंपनियां भी इसका अनुकरण कर सकती हैं। सूचीबद्ध प्रौद्योगिकी कंपनियों के मूल्यांकन में गिरावट, नियामकीय सख्ती और रोडशो के दौरान निवेशकों की ठंडी प्रतिक्रिया को देखते हुए इन कंपनियों ने सूचीबद्ध होने संबंधी अपनी योजनाएं टाल दी हैं।
डीएसके लीगल के पार्टनर गौरव मिस्त्री ने कहा, ‘सेबी ने विशेष तौर पर मूल्यांकन के संबंध में जांच बढ़ा दी है। इसके अलावा बाजार नियामक ने आईपीओ-पूर्व नियोजन और आईपीओ के निर्गम मूल्य के बीच मूल्यांकन में बदलाव के संबंध में स्पष्टीकरण के साथ कई खुलासों को अनिवार्य कर दिया है।
इससे नए जमाने की प्रौद्योगिकी कंपनियां अपने मूल्यांकन, रणनीतियों और सूचीबद्धता के लिए उपयुक्त समय पर नए सिरे से विचार करने के लिए मजबूर हुई हैं। इसके अलावा ऐसा लगता है कि कुछ कंपनियों को बोली प्रक्रिया एवं रोडशो के दौरान निवेशकों से सुस्त प्रतिक्रिया मिली है। इन सब कारणों से प्रौद्योगिकी कंपनियों को अपनी आईपीओ योजनाएं टालनी पड़ी है अथवा उन्हें वापस लेना पड़ा है।’
बोट ने जनवरी में बाजार नियामक सेबी के पास अपना डीआरएचपी जमा कराया था और अप्रैल में उसे मंजूरी मिल गई थी। कंपनी आईपीओ के जरिये 900 करोड़ रुपये जुटाना चाहती है। कंपनी ने आज कहा कि उसने वारबर्ग पिंकस और मलाबार इन्वेस्टमेंट्स के एक सहयोगी से 500 करोड़ रुपये जुटाए हैं।
जो कंपनियां अपने आईपीओ के साथ पूंजी बाजार में दस्तक नहीं दे पा रही हैं वे निजी इक्विटी (पीई) निवेशकों से रकम जुटा रही हैं। बोट के सीईओ विवेक गंभीर ने कहा, ‘फिलहाल वित्तीय बाजार की स्थिति सही नहीं है और इसलिए हमने सोचा कि आईपीओ के लिए थोड़ा इंतजार करना ही समझदारी होगी।’
अगस्त में फार्मईजी ने अपने 6,250 करोड़ रुपये के आईपीओ को ठंडे बस्ते में डालने का निर्णय लिया था। उसने आईपीओ के बजाय राइट्स इश्यू के जरिये मौजूदा निवेशकों से रकम जुटाना बेहतर समझा। फार्मईजी ने नवंबर 2021 में अपना डीआरएचपी दाखिल किया था और फरवरी में उसे सेबी की मंजूरी भी मिल गई थी। ड्रूम ने नवंबर 2021 में 3,000 करोड़ रुपये के आईपीओ के लिए आवेदन किया था लेकिन इस महीने के आरंभ में उसने अपना आवेदन वापस ले लिया।
सूत्रों ने कहा कि कंपनी आईपीओ के लिए 15,000 करोड़ रुपये से अधिक का मूल्यांकन चाहती थी। लेकिन सूचीबद्ध तकनीकी फर्मों के मूल्यांकन में गिरावट के बीच उसके पर्याप्त खरीदार नहीं मिले। जोमैटो, पेटीएम, नायिका और पॉलिसी बाजार के शेयर अपने उच्चतम स्तर से 50 से 75 फीसदी के दायरे में कमजोर हो चुके हैं। इससे कंपनियों को अपने मूल्यांकन पर नए सिरे से विचार करना पड़ रहा है।
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