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प्रदेश सरकार ने प्रदेश पुलिस को हाईटेक करने की दिशा में कदम उठाते हुए 650 करोड़ रुपये की मंजूरी दी है। जिसके तहत अपने जिले में हाईटेक सोशल मीडिया सेल से लेकर क्राइम सीन वीडियोग्राफी एप शुरू करने की तैयारी है। इस प्रोजेक्ट को अलीगढ़ सहित प्रदेश के दस जिलों में शुरू किया जा रहा है।
इसके साथ ही जिला पुलिस को साइबर थाने का प्रशासनिक भवन हाईटेक करते हुए बॉडी वार्न कैमरा और फुल बाडी प्रोटेक्टर से पुलिसकर्मियों को लैस किया जाएगा। साथ में लॉ एंड आर्डर क्यूआरटी भी स्थापित की जाएगी। इस संबंध में प्रदेश केबिनेट में चर्चा के बाद बजट मंजूर कर दिया गया है।
प्रदेश पुलिस को आधुनिक करने की दिशा में लगातार कदम उठा जा रहे हैं। इसी क्रम में गृह विभाग की सहमति पर अलीगढ़, मुजफ्फरनगर, बाराबंकी सहित दस जिलों में पहले चरण में कुछ महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट शुरू किए जा रहे हैं, जिसके तहत एसआईटी, ईओडब्ल्यू, सीबीसीआईडी और एसीओ के जांच व विवेचना के लिए एक डेडिकेटेड एफएसएल की स्थापना की जाएगी।
एनसीआरबी की ओर से विकसित क्राइम सीन वीडियोग्राफी एप को लांच किया जाएगा। साथ में हाईटेक सोशल मीडिया सेल की शुरुआत की जाएगी। इसके लिए तकनीकी सेवा मुख्यालय ने तकनीकी समिति का गठन किया है। इसी क्रम में सभी साइबर थानों के लिए अपने प्रशासनिक भवन भी तैयार होने हैं। इसके लिए कार्यदायी संस्था नामित कर दी गई है।
इसे लेकर एसएसपी कलानिधि नैथानी बताते हैं कि केबिनेट स्तर से चर्चा आने के बाद तैयारी पूरी है। जैसे ही इस संबध्ंा में आदेश प्राप्त होगा, तत्काल प्रक्रिया शुरू करा दी जाएगी। बता दें कि अपने जिले में पिछले एक वर्ष से साइबर थाना संचालित है और सोशल मीडिया सेल भी अभी सक्रिय है। मगर उसके संसाधन जिला पुलिस के सहारे हैं।
प्रदेश सरकार ने प्रदेश पुलिस को हाईटेक करने की दिशा में कदम उठाते हुए 650 करोड़ रुपये की मंजूरी दी है। जिसके तहत अपने जिले में हाईटेक सोशल मीडिया सेल से लेकर क्राइम सीन वीडियोग्राफी एप शुरू करने की तैयारी है। इस प्रोजेक्ट को अलीगढ़ सहित प्रदेश के दस जिलों में शुरू किया जा रहा है।
इसके साथ ही जिला पुलिस को साइबर थाने का प्रशासनिक भवन हाईटेक करते हुए बॉडी वार्न कैमरा और फुल बाडी प्रोटेक्टर से पुलिसकर्मियों को लैस किया जाएगा। साथ में लॉ एंड आर्डर क्यूआरटी भी स्थापित की जाएगी। इस संबंध में प्रदेश केबिनेट में चर्चा के बाद बजट मंजूर कर दिया गया है।
प्रदेश पुलिस को आधुनिक करने की दिशा में लगातार कदम उठा जा रहे हैं। इसी क्रम में गृह विभाग की सहमति पर अलीगढ़, मुजफ्फरनगर, बाराबंकी सहित दस जिलों में पहले चरण में कुछ महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट शुरू किए जा रहे हैं, जिसके तहत एसआईटी, ईओडब्ल्यू, सीबीसीआईडी और एसीओ के जांच व विवेचना के लिए एक डेडिकेटेड एफएसएल की स्थापना की जाएगी।
एनसीआरबी की ओर से विकसित क्राइम सीन वीडियोग्राफी एप को लांच किया जाएगा। साथ में हाईटेक सोशल मीडिया सेल की शुरुआत की जाएगी। इसके लिए तकनीकी सेवा मुख्यालय ने तकनीकी समिति का गठन किया है। इसी क्रम में सभी साइबर थानों के लिए अपने प्रशासनिक भवन भी तैयार होने हैं। इसके लिए कार्यदायी संस्था नामित कर दी गई है।
इसे लेकर एसएसपी कलानिधि नैथानी बताते हैं कि केबिनेट स्तर से चर्चा आने के बाद तैयारी पूरी है। जैसे ही इस संबध्ंा में आदेश प्राप्त होगा, तत्काल प्रक्रिया शुरू करा दी जाएगी। बता दें कि अपने जिले में पिछले एक वर्ष से साइबर थाना संचालित है और सोशल मीडिया सेल भी अभी सक्रिय है। मगर उसके संसाधन जिला पुलिस के सहारे हैं।
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