एसआईटी क सदस्य।
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हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिले के पच्छाद के चमेंजी में 20 अक्तूबर को हुए दोहरे हत्याकांड का एसआईटी ने पर्दाफाश कर दिया है। 10 दिनों में पुलिस ने महिला उर्मिला और उसके 9 वर्षीय बेटे सक्षम की मर्डर मिस्ट्री को सुलझाते हुए गांव के ही रहने वाले 32 वर्षीय नरेश को गिरफ्तार किया है। रविवार दोपहर बाद जिला पुलिस अधीक्षक रमन कुमार मीणा ने नाहन में पत्रकारवार्ता कर हत्याकांड से जुड़े चौंकाने वाले खुलासे किए है। पुलिस अधीक्षक ने बताया कि गहन जांच के बाद एसआईटी ने सुलझा लिया है। महिला और आरोपी नरेश के बीच अवैध संबंध थे। करीब एक साल पहले दोनों के बीच यह संबंध खत्म हो चुके थे। पुलिस जांच में यह सामने आया कि वर्तमान में महिला के संबंध आरोपी नरेश के छोटे भाई के साथ थे। इससे खफा होकर नरेश ने इस अपराध को अंजाम दिया।
उन्होंने बताया कि सीडीआर के मुताबिक पीड़िता और आरोपी के छोटे भाई के बीच 1 जनवरी से इस साल 969 बार फोन पर बातचीत हुई। जांच में आरोपी के छोटे भाई की संलिप्तता नहीं पाई गई हैं। उन्होंने बताया कि आरोपी का घर महिला के घर से महज 10 मिनट की ही दूरी पर था। इस अपराध में क्षेत्र में लगे मोबाइल टावर की लोकेशन से भी कोई मदद नहीं मिली। लिहाजा, पुलिस ने मृतका के जीवन को आधार बनाकर ही पुलिस ने इस मामले की जांच को आगे बढ़ाया। पुलिस महानिदेशक संजय कुंडू ने भी रविवार को अपने अधिकारिक ट्विटर हैंडल पर दोहरे हत्याकांड को खुलासा करने वाली एसआईटी टीम और जिला पुलिस अधीक्षक रमन कुमार मीणा को बधाई दी है।
अपराध छुपाने के लिए की नौ साल के बच्चे की हत्या
पुलिस अधीक्षक ने बताया कि मामले में करीब 400 लोगों से पूछताछ की गई। 40 लोगों की कॉल डिटेल को खंगाला गया। आरोपी को भी पुलिस ने पहले दिन से ही जांच में शामिल किया हुआ था। आरोपी ने मृतका के 9 वर्षीय बेटे की केवल इस वजह से हत्या कर दी कि कहीं वह उसके जुर्म का खुलासा न कर दे। बताया कि इस हत्याकांड में इस्तेमाल हथियार को रिकवर किया जाना अभी शेष है। आरोपी को न्यायालय में पेश किया जा रहा है। पुलिस रिमांड मिलने के बाद ही मामले की जांच को आगे बढ़ाया जाएगा। पुलिस अधीक्षक ने हत्याकांड का खुलासा करने वाली एसआईटी टीम को भी बधाई दी।
जांच में जुटी रही एसआईटी, नहीं मनाई थी दिवाली
दोहरे हत्याकांड में गठित एसआईटी में जिला की अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक बबीता राणा, राजगढ़ के डीएसपी अरुण मोदी, डीएसपी मुकेश कुमार, निरीक्षक योगेंद्र सिंह, उपनिरीक्षक मदन लाल, रविंद्र लाल, मुख्य आरक्षी कमल कुमार, ओम प्रकाश, रोहित कुमार, आरक्षी नीतिश शर्मा, प्रदीप कुमार और नारायण दत्त शामिल थे। बताया जा रहा है कि इस जघन्य अपराध को सुलझाने के लिए एसआईटी दिन-रात लगी हुई थी। यहां तक की एसआईटी ने दिवाली का त्योहार तक अपने परिवारों के साथ नहीं मनाया।
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