गोरखपुरएक घंटा पहले
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गोरखपुर में विद्युत निगम का एक नया कांड सामने आया है। यहां पहले गलत बिजली बिल बनाया गया और फिर सुधार के नाम पर भी उसमें खेल कर दिया। मामला पकड़ में आया तो जांच शुरू हुई। अधिकारियों और कर्मचारियों का यह कारनामा ऊर्जा मंत्री के संज्ञान में आते ही उन्होंने सख्ते तेवर दिखाए।
निदेशक कामर्शियल ने अब उन सभी 2.25 लाख बिजली कनेक्शनों के जांच का आदेश दिया है। जिनके बिल पहले गलत बने और फिर उसमें सुधार हुआ। जांच शुरू होने से पहले ही सभी खंडों में हड़कम्प मचा हुआ है।
2.25 लाख कनेक्शनों पर सुधारे गए बिल
दरअसल, गोरखपुर जोन के शहरी और ग्रामीण वितरण खण्डों में करीब 2.25 लाख कनेक्शनों पर बिल सुधार के मामले सामने आए हैं। ऊर्जा मंत्री ने बैठक में यह मामला उठने पर सख्त रुख अख्तियार करते हुए उन्होने बिलिंग एजेंसी के साथ-साथ बिजली निगम के अधिकारियों को भी जमकर फटकार लगाई। उन्होने कहा कि उपभोक्ताओं को गलत बिजली बिल देकर सुधार के नाम पर बड़ा खेल चल रहा है।
बिल सुधार की लिस्ट भेजकर रिपोर्ट की तलब
पूर्वांचल निगम के निदेशक कामर्शियल ई.राजेन्द्र प्रसाद ने ऊर्जा मंत्री की 19 अक्टूबर की बैठक का हवाला देते हुए जोन के मुख्य अभियंता को अप्रैल से सितम्बर तक हर माह खण्डों में हुए बिल सुधार के मामलों की सूची भेजकर जांच कराकर रिपोर्ट तलब की है। निदेशक ने उस वितरण खण्ड का नाम बताने को भी कहा है, जहां सबसे ज्यादा गलत बिल बने और बाद में बिल सुधार हुआ।
मीटर रीडर के खिलाफ कार्रवाई के आदेश
उन्होंने सम्बन्धित खंड के अभियंता और बिलिंग एजेंसी के मीटर रीडर के खिलाफ कार्यवाही करने का आदेश जारी किया। निदेशक के आदेश वाली यह चिट्ठी मिलने के बाद जोन के सभी खण्डों में खलबली मची है। विभागीय सूत्रों का कहना है कि पहले गलत बिजली बिल बनाया जा रहा है।
उसके बाद उसमें सुधार के नाम पर ‘खेल’ हो रहा है। अब यह मामला ऊर्जामंत्री के संज्ञान में आया है तो जांच होनी ही चाहिए। इसमें जो भी दोषी पाए जाए। उनके खिलाफ कार्रवाई भी होनी चाहिए। गलत बिल जारी होने से उपभोक्ता व निगम को दोनों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
उर्जा मंत्री की बैठक में सामने आया मामला
पूर्वांचल वितरण निगम लिमिटेड के निदेशक कामर्शियल ई.राजेन्द्र प्रसाद ने बताया, ऊर्जामंत्री की बैठक में बड़ी संख्या में गलत बिजली बिल जारी होने और बिल सुधार का मामला सामने आया। उन्होने सभी बिल सुधार के प्रकरणों की जांच कराने के निर्देश दिया।
इसी क्रम में पूर्वांचल के सभी जोन के सीई को पत्र भेजकर गलत बिल में सुधार के प्रकरणों की जांच कराने का आदेश दिया है। ताकि उपभोक्ताओं को वास्तविक खपत का बिजली बिल मिले। उन्हें अनावश्यक बिजली दफ्तरों का चकक्रर न काटना पड़े।
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