इसके तहत अब उपभोक्ता मीटर रीडिंग लेने आने वालों का परिचय पत्र देख सकेंगे, मीटर रीडिंग लेते वक्त उसके साथ फोटो खींच सकेंगे। इसके अलावा मीटर रीडर के लिए भी तत्काल रीडिंग अपलोड करने समेत कुछ अन्य सावधानियां बरतने के निर्देश दिए गए हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशा के अनुरूप ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने खुद इस शासनादेश की प्रति को ट्वीट के माध्यम से साझा किया है। यूपीपीसीएल के महाप्रबंधक ने यह शासनादेश मुख्यतः लखनऊ, कानपुर, मेरठ, वाराणसी एवं आगरा विद्युत वितरण निगम लि. के लिए जारी किया गया है।
निगरानी बढ़ाने के निर्देश
शासनादेश में कहा गया है कि विद्युत उपभोक्ताओं को विद्युत चेकिंग के नाम पर भ्रम में डालकर या डराकर अवांछनीय तत्वों द्वारा अनुचित लाभ लेने की शिकायतें मिल रही हैं। उपभोक्ताओं के हित का संरक्षण करने के लिए एवं उन्हें किसी भी प्रकार की धोखाधड़ी से बचाने हेतु उपभोक्ताओं को सतर्क करके निगरानी बढाया जाना आवश्यक है। इसके अलावा निगमीय अधिकारियों / कार्मिकों को भी जांच करते समय सावधानियां बरतनी चाहिए।
उपभोक्ता भी रखें सावधानियां
जब भी कोई चेकिंग टीम / व्यक्ति विद्युत संयोजन की जांच करने आते हैं, तो सब से पहले उनका पहचान-पत्र (आईडी कार्ड) मांग कर अवश्य देखा जाए। मीटर की चेकिंग के समय चेकिंग टीम के साथ अपनी जियोटैग फोटो इस तरह लें कि मीटर की रीडिंग के साथ तिथि व समय भी फोटो पर अंकित हो जाए। जियो फोटो पर लोकेशन, तारीख, दिनांक आदि विवरण अंकित रहता है। जियोटैग फोटो हेतु मोबाइल में प्ले स्टोर पर इसके लिये अनेक एप निशुल्क उपलब्ध है। जांच के विषय में किसी भी प्रकार की शंका / समस्या या शिकायत होने पर टॉल फ्री नम्बर 1912 पर सम्पर्क करें। जरूरी होने पर चेकिंग टीम के सदस्यों से उनके निगमीय कार्यालय में ही मिले।
चेकिंग टीम भी रहे सतर्क
जब भी कोई चेकिंग टीम / कार्मिक विद्युत संयोजन की जांच करने जाएं तो सबसे पहले उपभोक्ता को अपना पहचान-पत्र (आईडी कार्ड) अवश्य दिखाएं और अपनी तैनाती का पूर्ण विवरण बतायें। चेकिंग करते समय यदि उपभोक्ता चेकिंग टीम के साथ फोटो लेना चाहता है, तो उसका पूर्ण सहयोग किया जाये। चेकिंग के बाद मौके पर ही जांच आख्या निर्धारित प्रारूप में आए पोर्टल पर कारपोरेशन के निर्देशों के अनुसार अपलोड कर दिया जाय।
जांच के बाद यदि और कोई जानकारी लेने हेतु उपभोक्ता को पुनः बुलाना आवश्यक हो तो उसे निगमीय कार्यालय में ही बुलाएं और सम्पर्क का स्थान और टेलिफोन नम्बर से उपभोक्ता को अवगत कराने के साथ-साथ अपने उच्च अधिकारियों का दूरभाष नम्बर भी उपभोक्ता को जरूर उपलब्ध कराये। अपने क्षेत्र के उपभोक्ताओं को उनके द्वारा रखे जाने वाली सावधानियों से सूचित करने और चेकिंग टीम के अधिकारियों / कार्मिकों को निर्देशों से अवगत कराएं।
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