Pakistan Imran Khan: पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान लगातार देश की सेना पर निशाना साध रहे थे। उन्होंने अपनी पार्टी के सांसद के उत्पीड़न के मामले में न केवल सेना के दो अधिकारियों के खिलाफ जांच कराने की मांग की बल्कि सेना प्रमुख को बदलने के लिए प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ को एक प्रस्ताव भी भेजा, जिसे उन्होंने खारिज कर दिया है। हालांकि अब इमरान खान ने यू-टर्न ले लिया है। सेना पर लगातार भड़क रहे इमरान खान ने कहा है कि उनकी पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) ये चाहती है कि पाकिस्तानी सेना और मजबूत हो।
सेना विरोधी टिप्पणियों को लेकर आलोचना के बाद इमरान खान ने रविवार को कहा कि उनकी पार्टी चाहती है कि पाकिस्तानी सेना ‘मजबूत’ हो और उनकी ‘रचनात्मक’ आलोचना का उद्देश्य शक्तिशाली बल को नुकसान पहुंचाना नहीं था। खान ने देश में राजनीतिक गतिरोध समाप्त करने के लिए जल्द चुनाव कराने की मांग की है। पीटीआई के 70 वर्षीय प्रमुख खान ने अपने ‘हकीकी आजादी मार्च’ के तीसरे दिन विभिन्न स्थानों पर समर्थकों को संबोधित करते हुए अपने विरोधियों पर कथित भ्रष्टाचार को लेकर निशाना साधा। खान अपने समर्थकों का इस्लामाबाद की ओर नेतृत्व कर रहे हैं।
आलोचना को बताया रचनात्मक
खान ने अपने समर्थकों को संबोधित करते हुए कहा कि सेना के खिलाफ उनकी आलोचना रचनात्मक थी। उन्होंने कहा, ‘मैं चाहता हूं कि सेना मजबूत हो। हमें एक मजबूत सेना की जरूरत है। मेरी रचनात्मक आलोचना उसे नुकसान पहुंचाने के लिए नहीं है।’ खान ने सेना विरोधी उनके रुख के लिए सरकार द्वारा उनकी आलोचना किए जाने के कुछ दिनों बाद यह भी स्पष्ट किया कि उन्हें गलत समझा जा रहा है। सेना को लेकर खान की टिप्पणी पाकिस्तान और भारत में खबरों में रही है।
इमरान खान ने इसके बाद भारतीय मीडिया पर भी गुस्सा जाहिर किया। उन्होंने कहा, ‘भारत गलतफहमी नहीं पालें, हम अपनी सेना के साथ खड़े हैं।’ उन्होंने कहा कि पड़ोसी देश गुप्तचर एजेंसी आईएसआई प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल नदीम अंजुम के संवाददाता सम्मेलन के बाद जश्न मना रहा था क्योंकि उसे लगा कि सेना और इमरान खान के बीच एक गतिरोध है। उन्होंने कहा, ‘मैं भारत को बताना चाहता हूं कि यह सेना हमारी है और मैं इसके खिलाफ कभी नहीं हो सकता।’
सेना के खिलाफ क्या बोले इमरान?
खान की यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब आईएसआई प्रमुख ने पिछले गुरुवार को एक अभूतपूर्व संवाददाता सम्मेलन में खुलासा किया कि सेना प्रमुख को मार्च में उनके कार्यकाल में अनिश्चितकालीन विस्तार के लिए ‘आकर्षक प्रस्ताव’ दिया गया था। खान ने साधोकी में अपने संबोधन में कहा, ‘अगर प्रतिष्ठान (सेना) को लगता है कि हमें इन चोरों का समर्थन करना चाहिए, क्योंकि आपने इन चोरों का समर्थन करने का फैसला किया है, तो मुझे खेद है और यह देश इस कदम का समर्थन नहीं कर सकता।’
खान ने प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ द्वारा किए गए ‘असत्य’ दावों को भी खारिज कर दिया कि विपक्षी नेता ने उन्हें सेना प्रमुख की नियुक्ति और चुनावों पर परामर्श करने की इच्छा व्यक्त करते हुए एक संदेश भेजा था। खान ने मुरीदके में अपने संबोधन में कहा, ‘शहबाज शरीफ, आपने एक बयान दिया कि मैंने आपको एक संदेश भेजा है कि हमें एक साथ बैठना चाहिए और सेना प्रमुख के बारे में फैसला करना चाहिए।’ प्रधानमंत्री शरीफ ने दावा किया है कि उन्होंने सेना प्रमुख जनरल बाजवा के उत्तराधिकारी की नियुक्ति के अपने पूर्ववर्ती के प्रस्ताव को सिरे से खारिज कर दिया है।
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