Publish Date: | Mon, 31 Oct 2022 11:52 AM (IST)
अतुल शुक्ला, जबलपुर। मध्य प्रदेश के ग्रामीण जनजीवन से पर्यटकों को जोड़ने की पहल पर्यटन विभाग ने शुरू की है। गांव के रहन-सहन से लेकर यहां की संस्कृति, कला, खानपान से जुड़ी जीवनशैली से पर्यटकों को सीधे तौर पर जोड़ा जाएगा। इसके लिए पर्यटन विभाग ने रिस्पांसबिल टूरिज्म मिशन चलाया है। इसमें मध्यप्रदेश के लगभग 100 गांवों को चिन्हित किया है, जहां पर पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए ग्रामीणों को जोड़ा जा रहा है।
ग्रामीणों को पर्यटकों के रहने, उनके खाने-पीने से लेकर ग्रामीण परिवेश से जोड़ने की जिम्मेदारी दी जाएगी। इसके लिए पर्यटन विभाग इन्हें प्रशिक्षित भी कर रहा है। गांव की महिलाओं को इस योजना के तहत आत्मनिर्भर बनाने का काम होगा। इसमें महिलाओं द्वारा महिला पर्यटकों के साथ रहकर उन्हें गांव की संस्कृति, जीवनशैली और खानपान से अवगत कराया जाएगा। पर्यटन विभाग ने इस योजना में मध्य प्रदेश को छह भागों में बांटा है। इसमें मालवा, निमाड़, बुंदेलखंड, महाकोशल, बघेलखंड और नर्मदापुरम शामिल हैं। इन क्षेत्रों के ग्रामीण जीवन को पर्यटन से जोड़ा जा रहा है।
अभी 10, एक साल में 100 गांव
रिस्पांसबिल टूरिज्म की शुरुआत प्रदेश के 10 गांवों से हो चुकी है। इन गांवों को अभी प्रदेश के महत्वपूर्ण पर्यटन क्षेत्र जैसे खजुराहो, ओरछा, पचमढ़ी, कान्हा, बांधवगढ़ से लिया गया है। यहां पर पर्यटक भी आना शुरू हो गए हैं और उनसे इस मिशन का बेहतर फीडबैक भी मिला है। इसके बाद विभाग दूसरे चरण में प्रदेश के 60 गांवों को लेगा। इन गांवों में लोगों को जोड़कर उनके घर में ही पर्यटकों के रुकने, खाने की व्यवस्था की जाएगी। इन ग्रामीणों को पर्यटन हमारी जिम्मेदारी से जोड़कर उनके आर्थिक हालात को सुधारने का प्रयास होगा। इसके लिए 23 अक्टूबर 2023 तिथि तय की गई है।
गांव से ऐसे जुड़ेंगे पर्यटक
– गांव में पर्यटकों को रुकने की व्यवस्था करने की जिम्मेदारी ग्रामीणों के जिम्मे होगी।
– यहां पर उनके लिए वाहन से लेकर क्षेत्रीय भ्रमण भी ग्रामीणजन ही कराएंगे।
– ग्रामीण महिलाओं की मदद से महिला पर्यटकों को गांव के खानपान और धर्म से जोड़ा जाएगा।
– यहां की कला, संगीत, नृत्य से जोड़ने का जिम्मा भी ग्रामीण महिलाओं का ही होगा।
– इस कामों के लिए उनकी शुल्क तय होगा और वे प्रशिक्षण लेकर बेहतर काम करेंगे।
अच्छे फीडबैक मिले हैं
रिस्पांसबिल टूरिज्म के माध्यम से गांवों में रहने वालों में यह भावना विकसित करना है कि पर्यटन हमारी जिम्मेदारी है। इसमें हम पर्यटकों के लिए गांव में रहने, उनके खानपान से लेकर उन्हें ग्रामीण जनजीवन से जोड़ने का काम ग्रामीणों से ही करा रहे हैं। इसमें सफलता भी मिली है। पहले चरण में हमने जिन गांवों को लिया, वहां पर पर्यटकों ने ठहरने के बाद अच्छे फीडबैक दिए। -डा. मनोज सिंह, संचालक, मध्य प्रदेश टूरिज्म बोर्ड
Posted By: Mukesh Vishwakarma
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