जबलपुर, नईदुनिया प्रतिनिधि। बड़ा फुहारा स्थित देवा मंगोड़े वाले के नाम से मशहूर प्रतिष्ठान के संचालक अतुल जैन को सांसद राकेश सिंह प्रशस्ति पत्र देकर नवाजा है। सांसद द्वारा दिए प्रशस्ति पत्र में कहा गया है कि अतुल जैन खौलते हुए तेल की कढ़ाई में हाथ डालकर जिस तरह से मंगोड़े निकालते हैं, वह किसी को भी हतप्रभ करने वाली कला है। यह कला उन्हें पूर्वजों की कृपा से प्राप्त हुई थी, जो अभी इनकी वर्तमान पीढ़ी द्वारा अपनी पवित्रता व कर्तव्यनिष्ठा के बूते चल रही है।
देवा मंगोडा प्रतिष्ठान की ख्याति सम्पूर्ण महाकौशल क्षेत्र में है। सांसद ने उनके उज्जवल भविष्य की कामना करते हुए प्रार्थना की है कि ये अद्भुत कला उनकी आने वाली पीढ़ियों में भी इनकी धरोहर के रुप में बनी रहे। विदित हो कि खौलते तेल की कढ़ाई में हाथ डालकर मंगोड़े निकालने वाले अतुल जैन को ये कला उनके पिता देवा जैन से मिली है।
विवेकानंद करियर मार्गदर्शन योजना में संभाग के 826 को मिला रोजगार
जबलपुर। प्रदेश के सरकारी कालेजों में करियर मार्गदर्शन योजना के तहत आयोजित रोजगार एवं करियर मेले में 21 हजार से अधिक विद्यार्थियों को रोजगार मिला है। इसमें जबलपुर संभाग में 600 युवाओं को नौकरी मिली है तथा 226 युवाओं ने स्वरोजगार प्रारंभ किया है। यह जानकारी संभागीय विवेकानंद करियर मार्गदर्शन योजना के नोडल अधिकारी डा.अरूण शुक्ल ने दी। उन्होंने बताया कि स्वामी विवेकानंद करियर मार्गदर्शन योजना में प्रदेश के शासकीय महाविद्यालयों में विभिन्न संभागों से प्राप्त जानकारी के अनुसार सत्र 2021-22 तथा 22-23 में महाविद्यालयों के 21315 विद्यार्थियों ने बैंकिंग, फार्मा, कोरियर सर्विस, माइक्रो फायनेंस एवं स्माल फाइनेंस सेक्युरिटी सेवा, बायो टेक्नोलाजी, एग्रोटेक, टेक्सटाइल, वर्धमान, यार्न, अल्ट्राटेक, ब्रिज स्नों पीथमपुर, टीसीएस, विप्रो, सिप्ला, अशासकीय संगठित और असंगठित क्षेत्रों में रोजगार हासिल किया है। साथ ही 3595 विद्यार्थियों ने स्वयं का व्यवसाय शुरू किया। ज्ञात हो कि इस योजना के माध्यम से महाविद्यालयों में स्वरोजगार के लिए प्रशिक्षण शिविर आयोजित किए जाते हैं। प्रशिक्षण प्राप्त विद्यार्थी इसके पश्चात अपना स्वयं का व्यवसाय शुरू कर सकते है। ऐसे ही प्रशिक्षण प्राप्त विद्यार्थियों ने अलग-अलग क्षेत्रों में स्वयं का व्यवसाय प्रारंभ किया है। इसमें ब्यूटी पार्लर बुटीक, केक निर्माण, वर्मी कंपोस्ट निर्माण, मछली पालन तथा वनोपज से संबंधित व्यवसाय शामिल हैं।
Posted By: Mukesh Vishwakarma
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