Edited By Pardeep,Updated: 01 Nov, 2022 01:04 AM
केन्द्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने सोमवार को सरदार वल्लभभाई पटेल को एक महान दूरद्रष्टा बताया और कहा कि यह दुर्भाग्य की बात है कि स्वतंत्र भारत के निर्माण का उन्हें
नई दिल्लीः केन्द्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने सोमवार को सरदार वल्लभभाई पटेल को एक महान दूरद्रष्टा बताया और कहा कि यह दुर्भाग्य की बात है कि स्वतंत्र भारत के निर्माण का उन्हें बेहद कम अवसर प्राप्त हुआ।
वार्षिक ‘सरदार पटेल स्मारक व्याख्यान’ में ठाकुर ने आजादी के बाद 500 से ज्यादा रियासतों को भारत संघ में शामिल/विलय करने और आकाशवाणी का नेटवर्क आजाद भारत के कोने-कोने तक पहुंचाने में देश के पहले गृहमंत्री पटेल की भूमिका की प्रशंसा की। पटेल की 147वीं जयंती पर इस व्याख्यान का प्रसारण आकाशवाणी और दूरदर्शन पर किया गया।
ठाकुर ने कहा, ‘‘पटेल महान दूरद्रष्टा थे। यह दुर्भाग्य की बात है कि पटेल को स्वतंत्र भारत को संवारने का बेहद कम अवसर मिला।” स्वतंत्र भारत के पहले सूचना एवं प्रसारण मंत्री पटेल का निधन 15 दिसंबर, 1950 को हुआ। पूर्व प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू पर तंज कसते हुए ठाकुर ने कहा कि राष्ट्र निर्माण में पटेल के योगदान को देश के सामने सही से पेश नहीं किया गया।
केन्द्रीय मंत्री ने कहा, ‘‘अतीत में एक परिवार को इस तरह से श्रेय दिया गया कि ऐसा लगता था कि आजादी की पूरी लड़ाई सिर्फ एक परिवार ने लड़ी है। लेकिन इतिहास गवाह है कि उस परिवार ने जो कुछ भी छुआ, उसे सही मायने में देश के साथ एकीकृत नहीं किया जा सका।”
उन्होंने कहा कि नेहरू ने जम्मू-कश्मीर को भारत संघ में शामिल करने की जिम्मेदारी ली, लेकिन इस मुद्दे पर पटेल के साथ लगातार उनका मतभेद रहा। ठाकुर ने कहा, ‘‘अनुच्छेद 370 जम्मू-कश्मीर के सही मायने में भारत के साथ एकीकरण में एक रोड़ा था। नरेंद्र मोदी नीत सरकार ने अनुच्छेद 370 और अनुच्छेद 35ए को हटाना सुनिश्चित किया और एक भारत और महान भारत के पटेल के सपने को साकार किया।”
ठाकुर ने कहा कि ‘कुछ नेताओं’ ने जहां आजादी के तुरंत बाद चीन को समझने में गलती की, पटेल ने पड़ोसी देश से आसन्न खतरे को भांपा और नेहरू को आगाह किया। केन्द्रीय मंत्री ने कहा, ‘‘इतिहास गवाह है कि उनकी चेतावनियों को नजरअंदाज किया गया और 1962 में जो हुआ वह इतिहास में दर्ज है। लेकिन अब वक्त बदल गया है। हमारी सरकार इस संबंध में पटेल के शब्दों को याद रखे हुए हैं और यही वजह है कि कोई भी भारत की ओर आंख नहीं उठा सकता।”
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