गुजरात में 30 अक्टूबर को मोरबी में मच्छु नदी पर एक केबल सस्पेंशन ब्रिज (Morbi Bridge) गिरने से बड़ा हादसा हो गया, जिसमें 133 लोगों की जान चली गई। ब्रिटिश काल में बने इस सस्पेंशन ब्रिज को ‘इंजीनियरिंग चमत्कार’ कहा जाता था।
इस पुल को 15 साल के लिए मरम्मत, मैंटेनेंस और रखरखाव के लिए ओरेवा ग्रुप (Oreva Group) को दिया गया था। ओरेवा ग्रुप और मोरबी नगर पालिका के बीच इसके रखरखाव और पुल से संबंधित एक समझौते पर साइन किए गए। 26 अक्टूबर को गुजराती नव वर्ष के मौके पर पुल को फिर से खोल दिया गया था। इस पुल पर जाने के लिए टिकट की कीमत 17 रुपये थी।
Oreva की Website डाउन
मोरबी में बड़े हादसे के बाद (Morbi Bridge Accident) कंपनी की वेबसाइट क्रैश हो गई और इसने काम करना बंद कर दिया। कंपनी की साइट पर जाने पर साइट भी ओपन नहीं हो हुई। इसमें कहा गया कि ‘बैंडविथ’ सीमा पार हो गई है। कंपनी के सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को भी निष्क्रिय या निलंबित कर दिया गया है।
रिपब्लिक ने सोमवार को अहमदाबाद में अजंता ओरेवा के ऑफिस का भी पता लगाया और पाया कि परिसर पूरी तरह से सुनसान था। रिपब्लिक की रिपोर्ट के अनुसार कार्यालय सुबह 10 बजे खुलने वाला था, लेकिन सुबह से कोई नहीं आया।
एंट्री गेट पर मौजूद गार्डों ने इस मुद्दे पर बोलने से इनकार कर दिया और दावा किया कि उन्हें इस बात की जानकारी नहीं है कि कर्मचारी कार्यालय क्यों नहीं पहुंचे। हादसे में 133 लोगों की मौत के बाद गुजरात पुलिस ने ओरेवा ग्रुप से जुड़े 8 लोगों को हिरासत में लिया है।
जानिए, Oreva के बारे में सब कुछ
1. Oreva ग्रुप की स्थापना ओधवजी पटेल ने की थी। इसमें 7000 कर्मचारी 45 देशों में काम करते हैं। जिनमें 5000 महिलाएं शामिल हैं।
2. कंपनी घड़ी बनाना, किसानों के लिए पानी की कटाई, बिजली की बचत करने वाले कॉम्पैक्ट फ्लोरोसेंट लैंप और मिट्टी से फेंकी गई विट्रिफाइड टाइल का व्यवसाय करती है।
3. साल 2012 में जयसुख ओधवजी अपने पिता की मृत्यु के बाद ओरेवा ग्रुप के हेड बने।
4. कंपनी का टर्नओवर करीब 800 करोड़ रुपये का है।
5. Oreva की मोरबी और कच्छ में मैन्युफैक्चरिंग यूनिट है।
6. साल 2020 में जयसुख को अहमदाबाद पश्चिम के सांसद किरीट सोलंकी ने नव नक्षत्र सम्मान व्यवसाय पुरस्कार (Nav Nakshatra Samman Business award) से सम्मानित किया गया।
7. एक ही इमारत में ओरेवा ग्रुप की आठ यूनिट काम कर रही हैं।1. अजंता मैन्युफैक्चरिंग प्रा. लिमिटेड, 2. अजंता ट्रांजिस्टर क्लॉक Mfg. Co., 3. अजंता एनर्जी प्रा. लिमिटेड, 4. अजंता इंफ्रा प्रोजेक्ट लिमिटेड, 5. ओरेवा एनर्जी प्रा. लिमिटेड, 6. ओरेवा सिरेमिक प्राइवेट लिमिटेड, 7. इंड-इंफ्रा डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड, 8. ग्रीनको एनविरो प्राइवेट लिमिटेड।
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मोरबी के CO संदीप सिंह जाला ने कहा कि “एक फर्म को आउटसोर्स किया गया था, अजंता ओरेवा नाम की एक निजी कंपनी को 7 मार्च को कॉन्ट्रेक्ट दिया गया था। पुल को फिटनेस सर्टिफिकेट नहीं दिया औऱ पुल को लोगों के लिए खोल दिया गया। इसके बारे में कंपनी ने हमे बताया भी नहीं और हादसा हो गया। हादसे की जांच के लिए एक कमेटी का गठन किया गया है।”
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