कर्नाटक में 24 अक्टूबर को आत्महत्या करने वाले लिंगायत संत बसवलिंगेश्वर स्वामी के मामले में पुलिस ने बताया है कि 21 साल की इंजीनियरिंग की स्टूडेंट ने उनके साथ दोस्ती की और उन्हें हनी ट्रैप में फंसाया. बाद में उन्हें ब्लैकमेल किया गया.
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कर्नाटक में लिंगायत महंत बसवलिंग स्वामीजी की आत्महत्या के मामले में पुलिस ने एक महिला समेत 3 लोगों को गिरफ्तार किया था. अब पुलिस ने कहा है कि 21 साल की इंजीनियरिंग की छात्रा ने बसवलिंग स्वामी से दोस्ती की और फिर अप्रैल के महीने में उनके अंतरंग वीडियो कॉल रिकॉर्ड किए. इसके बाद महिला और कन्नूर मठ के एक नेता मृत्युंजय स्वामी ने उन कॉल रिकॉर्डिंग का इस्तेमाल बसवलिंग स्वामी को ब्लैकमेल करने के लिए किया.
24 अक्टूबर को 45 साल कांचूगल बंदे मठ के महंत बसवलिंगा स्वामीजी का शव मठ में फांसी के फंदे से लटका हुआ मिला था. उन्होंने 2 पेज का सुसाइड नोट भी छोड़ा, जिसमें इसका जिक्र था कि कुछ वीडियोज को लेकर उन्हें ब्लैकमेल किया जा रहा है. सुसाइड नोट में लिखा था कि एक अनजान महिला ने उनके साथ ऐसा किया है.
पुलिस ने बताया कि उन्हें ब्लैकमेल करने की साजिश रचने के आरोप में गिरफ्तार किया गया मृत्युंजय स्वामी कंचुगल बंदे मठ को अपने कब्जे में लेना चाहता था. ब्लैकमेल का मुख्य कारण यह था कि ये लोग बदला लेना चाहते थे. फरवरी में उन्हें फंसाने की योजना बनाई गई और अप्रैल में वीडियो फिल्माया गया.
हनी ट्रैप में फंसे लिंगायत संत
आत्महत्या के बाद मौत की जांच करते हुए पुलिस ने मृतक के फोन कॉल की जांच की और लगभग 25 लोगों से पूछताछ की. मृत्युंजय स्वामी के कहने पर महिला ने कथित तौर पर बसवलिंग स्वामी को हनी ट्रैप में फंसा लिया. इसके बाद दोनों ने उनको ब्लैकमेल किया और उन पर पद छोड़ने के लिए दबाव डाला. बसवलिंग स्वामी उन्हें ब्लैकमेल करने वालों को पहले ही बड़ी राशि का भुगतान कर चुके थे. ब्लैकमेलिंग से ही परेशान होकर उन्होंने खुदकुशी करने को मजबूर होना पड़ा.
खिड़की से लटके पाए गए थे स्वामी
बसवलिंगेश्वर स्वामी मठ परिसर में पूजाघर की खिड़की की ग्रिल से मृत अवस्था में लटके मिले थे. ये दावा किया गया था कि मुरुग मठ के प्रमुख महंत शिवमूर्ति मुरुग शरणारू को यौन उत्पीड़न के एक मामले में गिरफ्तार किए जाने के बाद लिंगायत संत बसवलिंग स्वामी को ‘जाल में फंसाया’ गया और अक्सर उन्हें ब्लैकमेल किया जाता था.
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