भारत दौरे पर आए बांग्लादेश के सूचना मंत्री हसन महमूद ने बड़ा बयान देते हुए कहा है कि क्षेत्रीय स्थिरता सुनिश्चित करने में भारत की महत्वपूर्ण भूमिका है. ये समृद्धि और राजनीतिक स्थिरता के लिए जरूरी है.
Image Credit source: PTI
बांग्लादेश के सूचना मंत्री हसन महमूद ने कहा है कि क्षेत्रीय स्थिरता सुनिश्चित करने में भारत की महत्वपूर्ण भूमिका है जो बांग्लादेश की समृद्धि और राजनीतिक स्थिरता के लिए जरूरी है. उन्होंने साथ ही कहा कि दोनों देशों के बीच संबंध केवल तीस्ता नदी के पानी के बंटवारे के मुद्दे से जुड़े हुए नहीं हैं. प्रेस क्लब ऑफ इंडिया में पत्रकारों के साथ बातचीत के दौरान महमूद ने ये टिप्पणी की. ये इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि बांग्लादेश में दिसंबर 2023 तक आम चुनाव होने की उम्मीद है. बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना की अवामी लीग पार्टी की नजर सरकार में चौथे कार्यकाल पर है.
महमूद हसीना की सरकार में वरिष्ठ मंत्री हैं, साथ ही अवामी लीग के शीर्ष नेता हैं. उन्होंने 1971 में अपने देश के मुक्ति संग्राम में भारत की भूमिका को याद किया और कहा कि बांग्लादेश की प्रगति भारत के राजनीतिक और पूर्ण समर्थन के बिना कभी भी संभव नहीं होगी.
उन्होंने कहा कि समृद्धि के लिए किसी देश में राजनीतिक स्थिरता सबसे आवश्यक है. मेरा दृढ़ विश्वास है कि बांग्लादेश में राजनीतिक स्थिरता बनाए रखने के लिए क्षेत्रीय स्थिरता भी महत्वपूर्ण है. मैं भारत को अपना धन्यवाद कहूंगा. बांग्लादेश में क्षेत्रीय स्थिरता और इस तरह राजनीतिक स्थिरता बनाए रखने के लिए भारत ने एक भूमिका निभाई है.
तीस्ता समझौते पर निर्भर नहीं हैं रिश्ते: मंत्री
तीस्ता नदी के पानी के बंटवारे को लेकर दोनों देशों के बीच लंबे समय से लंबित मुद्दे के सवाल के जवाब में महमूद ने कहा कि द्विपक्षीय संबंध सिर्फ इस मुद्दे पर निर्भर नहीं हैं. भारत और बांग्लादेश के बीच संबंध बहुत विविध हैं, यह केवल तीस्ता जल बंटवारे पर निर्भर नहीं हैं. हम कई चीजें साझा कर रहे हैं. बांग्लादेश और भारत इस मुद्दे को हल करने में लगे हुए हैं और प्रगति हुई है, हालांकि भारत के संविधान के तहत कुछ दायित्व और प्रक्रियाएं हैं. उन्होंने कहा कि मुझे उम्मीद है कि सभी प्रक्रियाओं का पालन करने के बाद भविष्य में इसका हल हो जाएगा.
बांग्लादेश सरकार हिंदूओं की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध: महमूद
इससे पहले हसन महमूद ने 29 अक्टूबर को कहा कि शेख हसीना सरकार हिंदू अल्पसंख्यकों की सुरक्षा और उनके हित के लिए प्रतिबद्ध है. उन्होंने कहा कि देश में इस वर्ष दुर्गा पूजा पर शांतिपूर्ण समारोहों का आयोजन इसका प्रमाण हैं. इस साल 33 हजार पूजा पंडाल लगे जो वर्ष 2021 के मुकाबले 700 अधिक हैं. वर्ष 2021 में दुर्गा पूजा के दौरान बांग्लादेश में हुई सांप्रदायिक हिंसा का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि इस वर्ष अप्रिय घटनाओं को टालने के लिए सरकार अतिरिक्त रूप से सतर्क थी.
तीस्ता समझौते पर ममता को आपत्ति
गौरतलब है कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के विरोध के कारण तीस्ता नदी जल बंटवारा समझौता एक दशक से अधिक समय से अधर में है. भारत और बांग्लादेश वर्ष 2011 में तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की ढाका यात्रा के दौरान तीस्ता जल बंटवारे को लेकर समझौता करने को तैयार थे, लेकिन बनर्जी ने राज्य में पानी की कमी का हवाला देकर इसे मानने से इनकार कर दिया था.
(भाषा इनपुट से)
श्रेय: स्रोत लिंक
इस बारे में चर्चा post