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- Deduction In The First Budget, Now Technical Bid Is Not Approved, Rs 5 Crore. The Work Of The Bus Stand Being Built From
धार28 मिनट पहले
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बस स्टैंड कम जगह में बना हाेने से गुत्मगुत्था हाेते है वाहन।
शहर के बस स्टैंड काे हाईटेक बनाने के लिए सालाें बाद शुरू हुई कवायद फिर उलझती जा रही है। सीएम की घाेषणा 13 कराेड़ की थी, लेकिन बजट में कटौती कर 5 कराेड़ रुपए दिए। अब अनुभवी ठेकेदार नहीं मिलने से नगरीय प्रशासन विभाग द्वारा टेक्नीकल बिड स्वीकृत नहीं की जा रही है।
ऐसे में 0.8 हेक्टेयर में विकसित हाेने वाले बस स्टैंड पर ग्रहण लग गया है। नगर पालिका ने इसके लिए अब तीसरी बार टेंडर बुलवाए है। टेक्नीकल स्वीकृति मिलने के बाद टेंडर ओपन होंगे। इसमें बस स्टैंड निर्माण के लिए प्राप्त दर को स्वीकृत कर वर्कआर्डर की प्रक्रिया शुरू होगी।
ठेकेदार के अनुभव काे देखते हुए स्वीकृति नहीं मिली
कुशाभाऊ ठाकरे बस स्टैंड निर्माण को लेकर बीते चार माह से टेंडर प्रक्रिया चल रही है। पहली बार बुलाए टेंडर में खरगोन की सिंगल एजेंसी ने भाग लिया था। इस कारण टेंडर प्रक्रिया निरस्त हो गई है। ऐसे में दोबारा सितंबर में नए सिरे से टेंडर जारी किए थे। दूसरी बार हुए टेंडर में भी भोपाल की अग्रवाल कंस्ट्रक्शन ने भाग लेकर टेंडर डाला। लेकिन दूसरी बार नगर पालिका ने टेंडर में प्राप्त टेक्नीकल बिड को स्वीकृति के लिए विभाग को भेज दिया। बड़ा प्राेजेक्ट हाेने से ठेकेदार के अनुभव काे देखते हुए स्वीकृति नहीं मिली।
इसके चलते नपा ने अब तीसरी बाद टेंडर बुलवाए है। टेंडर की प्रक्रिया व बजट के अभाव में बस स्टैंड का ना फैलाव हाे पाएगा न सकरी सड़काें की स्थिति बदलेगी। जाे राशि मिलेगी उससे महज बिल्डिंग तैयार हाे पाएगी। इस प्रोजेक्ट के लिए 20 प्रतिशत राशि शासन की तरफ से अनुदान में मिलेगी जबकि 80 प्रतिशत राशि मप्र अर्बन डेवलपमेंट कंपनी लाेन के तौर पर देगी। जाे नपा काे 15 साल तक जमा कराना पड़ेगी।
सरकार ने यह दावा किया था
यह पहला माैका है जब बस स्टैंड काे हाईटेक बनाया जाना है। सीएम की घाेषणा के अनुसार तैयार की डीपीआर के अनुसार 8500 स्क्वेयर मीटर में यह प्रस्तावित था। इसमें 500 मीटर में फाेरलेन बनाने, पुरुष और महिलाओं के लिए अलग-अलग सुविधाघर, ऊर्जा के लिए साेलर पैनल, महिलाओं की सुविधा के लिए शी लाउंज सहित तमाम सुविधाएं शामिल थी। इसके लिए पुलिस विभाग की 0.8 हेक्टेयर जमीन भी नपा काे आंवटित की थी। ताकि बस स्टैंड का फैलाव हाेने से राेजाना पहुंचने वाली 400 से ज्यादा बसाें काे खड़ी रहने व आने-जाने में किसी प्रकार की समस्या नहीं अाए।
सड़काें पर फिर कब्जा, रेंगते हुए निकलते हैं वाहन
इंदाैर, झाबुआ, खरगाेन, अलीराजपुर समेत जिले के अासपास के ग्रामीण क्षेत्राें में संचालित बसें बस स्टैंड पहुंचने और वहां से बाहर निकलने में रेंगते हुए चलती है। कारण यहां की सड़कें संकरी हाेकर इस पर कब्जा है। पूर्व में नपा ने सड़क किनारे से गुमटियां, ठेले व बैंडबाजे हटवाए थे। लेकिन अब फिर से वहीं स्थिति हाेने से सड़क पर दाेनाें ओर से वाहनाें के आने पर भी जगह नहीं बचती है। साथ ही हादसे का भी अंदेशा बना रहता है। सुबह से देर रात तक हर 10 मिनट में एक बस निकलती है।
तीसरी बार बुलाए है
टेंडर दाे बार हुई प्रक्रिया में टेक्नीकल समस्या सामने आई थी। इसलिए प्रक्रिया पूरी नहीं हाे पाई। अब तीसरी बार टेंडर बुलाए है। इसकी स्वीकृति के बाद आगे की प्रक्रिया की जाएगी।
-राकेश बैनल, इंजीनियर, नपा धार
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