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सीतापुर। रेउसा ब्लॉक में कायाकल्प योजना के तहत भ्रष्टाचार पकड़ा गया है। तीन अधिकारियों की समिति की ओर से जांच कराए जाने पर 17 हजार से अधिक मजदूरी का भुगतान करने का खुलासा हुआ है। इसके अलावा अन्य मद पर कोई खर्च नहीं मिला। इस मामले में सचिव, तकनीकी सहायक व प्रधान दोषी पाए गए है। जांच रिपोर्ट के आधार पर इन सभी के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी।
रेउसा विकासखंड की ग्राम पंचायत हलीमनगर में कायाकल्प योजना के तहत प्राथमिक विद्यालय में मनरेगा से एक माह पूर्व बनाई गई बाउंड्रीवॉल गिर जाने की शिकायत विधायक ज्ञान तिवारी ने डीएम से की थी। जिस पर उन्होंने पीडी डीआरडीए की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय समिति को जांच के निर्देश दिए थे। समिति की ओर से जांच रिपोर्ट प्रस्तुत की गई है।
इसमें उजागर हुआ कि निर्माणाधीन बाउंड्रीवॉल का निर्माण मानक के अनुसार नहीं कराया गया। पुरानी गिरी बाउंड्रीवाल का निर्माण बिना फाउंडेशन के कराया गया था। जिस कारण यह कमजोर स्तर की बनी हुई थी। कार्य प्रधान पति हसीब ने कराया। श्रमिकों की मजदूरी 17892 रुपये के भुगतान के लिए संबंधित सचिव द्वारा फीड कराकर मस्टर रोल पर हस्ताक्षर किए गए।
बाउंड्रीवाल निर्माण में बरती गई लापरवाही का मुख्य कारण प्रधान पति द्वारा मनमाने तरीके से निर्माण कराने से बाउंड्रीवाल क्षतिग्रस्त हो गई। संबंधित सचिव व तकनीकी सहायक की शिथिलता भी प्रतीत होती है। प्रकरण में सीडीओ अक्षत वर्मा ने एसओपी के अनुसार कार्रवाई के लिए डीएम को पत्रावली प्रस्तुत करने के निर्देश डीसी मनरेगा को दिए हैं। डीसी मनरेगा सुशील कुमार श्रीवास्तव ने बताया पत्रावली डीएम को भेजी गई है। निर्देशानुसार कार्रवाई की जाएगी।
सीतापुर। रेउसा ब्लॉक में कायाकल्प योजना के तहत भ्रष्टाचार पकड़ा गया है। तीन अधिकारियों की समिति की ओर से जांच कराए जाने पर 17 हजार से अधिक मजदूरी का भुगतान करने का खुलासा हुआ है। इसके अलावा अन्य मद पर कोई खर्च नहीं मिला। इस मामले में सचिव, तकनीकी सहायक व प्रधान दोषी पाए गए है। जांच रिपोर्ट के आधार पर इन सभी के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी।
रेउसा विकासखंड की ग्राम पंचायत हलीमनगर में कायाकल्प योजना के तहत प्राथमिक विद्यालय में मनरेगा से एक माह पूर्व बनाई गई बाउंड्रीवॉल गिर जाने की शिकायत विधायक ज्ञान तिवारी ने डीएम से की थी। जिस पर उन्होंने पीडी डीआरडीए की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय समिति को जांच के निर्देश दिए थे। समिति की ओर से जांच रिपोर्ट प्रस्तुत की गई है।
इसमें उजागर हुआ कि निर्माणाधीन बाउंड्रीवॉल का निर्माण मानक के अनुसार नहीं कराया गया। पुरानी गिरी बाउंड्रीवाल का निर्माण बिना फाउंडेशन के कराया गया था। जिस कारण यह कमजोर स्तर की बनी हुई थी। कार्य प्रधान पति हसीब ने कराया। श्रमिकों की मजदूरी 17892 रुपये के भुगतान के लिए संबंधित सचिव द्वारा फीड कराकर मस्टर रोल पर हस्ताक्षर किए गए।
बाउंड्रीवाल निर्माण में बरती गई लापरवाही का मुख्य कारण प्रधान पति द्वारा मनमाने तरीके से निर्माण कराने से बाउंड्रीवाल क्षतिग्रस्त हो गई। संबंधित सचिव व तकनीकी सहायक की शिथिलता भी प्रतीत होती है। प्रकरण में सीडीओ अक्षत वर्मा ने एसओपी के अनुसार कार्रवाई के लिए डीएम को पत्रावली प्रस्तुत करने के निर्देश डीसी मनरेगा को दिए हैं। डीसी मनरेगा सुशील कुमार श्रीवास्तव ने बताया पत्रावली डीएम को भेजी गई है। निर्देशानुसार कार्रवाई की जाएगी।
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