Publish Date: | Wed, 02 Nov 2022 08:22 AM (IST)
जबलपुर, नईदुनिया प्रतिनिधि। मंगलवार की सुबह 3.9 तीव्रता से आए भूकंप के झटकों से नागरिक सहमे रहे। इस दौरान किसी तरह की जानमाल की हानि तो नहीं हुई, लेकिन एक बार फिर 22 मई 1997 में आए विनाशकारी भूकंप का मंजर ताजा हो गया। इसके साथ भूकंपरोधी तकनीक से बने मकानों को लेकर भी सवाल खड़े हो गए हैं। नियम-शर्तें तो ये हैं कि भवन निर्माण के दौरान कालम, बीम शेड, फ्रेम स्ट्रक्चर और कर्टन वाल (दीवारों के बीच में पर्दा) होना जरूरी है, ताकि दीवारों पर भार न पड़े। भूकंप रोधी तकनीक से ही भवन बनाए जाने चाहिए। नगर निगम से नक्शा भी इसी शर्त पर पास किया जाता है, लेकिन हकीकत ये है कि ये नियम शर्तें कागजों तक ही सिमट कर रह गई हैं।
हकीकत ये है कि भूकंप के लिहाज से जबलपुर अति संवेदनशील होने के बावजूद व्यावसायिक इमारतों को यदि छोड़ दिया जाए तो करीब 30 प्रतिशत आवासीय भवनों के निर्माण में भूकंपरोधी तकनीकी नहीं अपनाई जा रही है। नगर निगम से भवन निर्माण का नक्शा तो इसी शर्त पर पास किया जा रहा है कि निर्माणकर्ता भूकंपरोधी तकनीकी अपनाएं पर नक्शा पास होने जाने के बाद नगर निगम के भवन शाखा, कालोनी सेल के अधिकारी यह जांचने की जहमत नहीं उठाते कि भवन निर्माण में भूकंपरोधी तकनीक अपनाई गई है या नहीं? सिर्फ कंसलटेंट व इंजीनियरों से शपथ पत्र लेकर ही अपने कर्तव्यों की इतिश्री की जा रही है।
नर्मदा बेसिन में बसा है शहर
नर्मदा बेसिन पर बसे जबलपुर में प्रत्येक निर्माण भूकंपरोधी तकनीक से होना चाहिए। भवन का आधार स्तंभ मजबूत होना जरूरी है। ये सुनिश्चित कराना नगर निगम की भवन शाखा व कालोनी सेल की जिम्मेदारी है। लेकिन शहर में हर साल बड़ी संख्या में ऐसे निर्माण हो रहे हैं, जिनमें भूकंपरोधी तकनीक नहीं अपनाई जा रही है। नगर निगम द्वारा नक्शा पास करने के दौरान संबंधित आर्कीटेक्ट, इंजीनियर से शपथ पत्र लेकर औपचारिकता पूरी की जा रही है।
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हर साल स्वीकृत हो रहे चार हजार नक्शे
आवेदन किए गए – 5084
स्वीकृत हुए – 4070
रिजेक्ट हुए – 87
लंबित – 1014
(आंकड़े एक अप्रैल 2021 से अक्टूबर 2022 तक के हैं)
ऐसा होना चाहिए भूकंपरोधी ढांचा
-कालम, बीमयुक्त हो भवन
-टू वे क्रेंक तकनीक से बंधा हो लेंटर का लोहा
– भवन में कमरे ज्यादा होने पर मुख्य दरवाजे के अलावा आपातकालीन दरवाजे भी हों
-भवन के आकार के अनुसार सरिया, अच्छी गुणवत्ता की सीमेंट, रेत व गिट्टी का इस्तेमाल हो
-फ्रेम स्ट्रेक्टर युक्त हो भवन
-कर्टन वाल जरूरी ताकि दीवारों पर न पड़े भार
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भवन निर्माण संबंधी नक्शे इसी शर्त पर पास किए जाएं कि वे भूकंपरोधी तकनीक अपनाएं। इस संबंध में कंसलटेंट से शपथ पत्र लिया जा रहा है, अमले द्वारा निरीक्षण भी किया जाता हे। गरीब वर्ग के आवेदक जरूर इस नियम का पालन नहीं कर रहे।-मनीष तड़से, सहायक यंत्री, भवन शाखा नगर निगम
Posted By: Mukesh Vishwakarma
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