भारत के पेट्रोलियम और नैचुरल गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी (Hardeep Singh Puri) ने कुछ दिनों पहले एक अमेरिकी न्यूज चैनल को दिए इंटरव्यू में पश्चिमी देशों में चेताया था कि अगर रूस से क्रूड ऑयल (Crude Oil) की सप्लाई बाधित होती है, तो इंटरनेशनल मार्केट में एक बार फिर से ऑयल की कीमतें 100 डॉलर प्रति बैरल के पार जा सकती है। अब इंटरनेशनल एनर्जी फोरम (International Energy Forum) ने भी हरदीप सिंह पुरी की इस बात को सभी माना है और कहा कि रुस से सप्लाई रुकने से क्रूड ऑयल 100 डॉलर प्रति बैरल के पार पहुंच जाएगा। इंटरनेशनल एनर्जी फोरम के सेक्रेटरी जनलर, जो मैकमॉनिगल ने ब्लूमबर्ग को दिए एक इंटरव्यू में ये बातें कहीं।
वहीं एनालिस्ट डेनियम यर्जिन ने कहा कि अगर पश्चिमी देश अपने प्रतिबंधों को बढ़ाते हैं, तो रूस अपने ऑयल की सप्लाई घटा सकता है। उन्होंने कहा, “रूस के राष्ट्रपति पुतिन ने गैस को एक हथियार के रूप में इस्तेमाल कर चुके हैं।”
ऑयल को हथियार के तौर पर इस्तेमाल करेंगे पुतिन?
यर्जिन ने आगे कहा, “पुतिन क्या अब ऑयल को भी हथियार के तौर पर इस्तेमाल करेंगे? ऐसा करना उनके लिए फायदेमंद हो सकता है। अगर वह ऑयल की सप्लाई रोकेंगे, तो तेल कीमतें ऊपर चली जाएंगी। इस समय आपको अंतरराष्ट्रीय मार्केट में घबराहट फैलाने के लिए बहुत अधिक कुछ करने की जरूरत नहीं है।”
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IEF के मुताबिक, मार्केट में सप्लाई संतुलन बरकरार रखने के लिए यह जरूरी है कि ऑयल और गैस फील्ड के नए एरिया को खोजने पर निवेश बढ़ाया जाए और इसे कोरोना के पूर्व काल के 525 अरब डॉलर के स्तर पर वापस लाया जाए।
हरदीप सिंह पुरी ने क्या कहा था?
IEF के ये विचार भारत के पेट्रोलियम मिनिस्टर हरदीप सिंह पुरी के विचारों से मेल खाते हैं। हरदीप सिंह पुरी ने CNN को दिए एक इंटरव्यू में कहा कि रूस, भारत को ऑयल सप्लाई करने वाले शीर्ष चार या पांच देशों में शामिल है और अगर किसी ने रूस से ऑयल नहीं खरीदा तो इसकी कीमतें और बढ़ सकती है। उन्होंने कहा, “अगर कीमतें बढ़ती हैं, तो इसके साथ महंगाई भी बढ़ेगी और फिर मंदी आएगी।”
पुरी ने यह भी कहा था कि रूस से ऑयल खरीदने में भारत को कोई नैतिक दुविधा नहीं है।
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