हल्द्वानी, अमृत विचार। चार नवंबर से शादी, गृह निर्माण, मुंडन आदि सभी कामकाज शुरू हो जाएंगे। लोगों ने भी इसको लेकर तैयारी शुरू कर दी है। बता दें पिछले चार माह से किसी प्रकाश के शुभ कार्य नहीं हो रहे थे। भगवान विष्णु चार महीने बाद चार नवंबर, देवउठनी एकादशी को योग निंद्रा से जागेंगे और इसके साथ ही चातुर्मास का भी समापन हो जाएगा।
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इसके बाद विवाह, गृह निर्माण-प्रवेश, मुंडन, नव व्यवसाय जैसे सभी शुभ-मागंलिक कार्य शुरू होंगे। इस दिन माता तुलसी का भगवान शालिग्राम के साथ विवाह संस्कार कराना शुभ माना जाता है। ज्योतिषाचार्यों का कहना है कि देवउठनी एकादशी को बुध की युति से लक्ष्मी नारायण योग बन रहा है जो कि काफी शुभ है।
पूजन विधि और शुभ मुहूर्त
चार नवंबर को सभी लोग सुबह तड़के उठकर पानी में गंगा जल मिलाकर स्नान आदि करें। इसके बाद साफ-सुथरे वस्त्र पहनकर सूर्य देवता को जल दें। इस दौरान साफ-सफाई का भी विशेष ध्यान रखना होगा। घर में पीला वस्त्र बिछाकर भगवान विष्णु की मूर्ति की पूजा करना काफी शुभ है। इसके साथ ही भोग लगाएं, आरती करें। शाम को भी दीया जलाकर आरती करें और अपनी मनोकामनाएं मांगे। इस दिन सुबह 6:35 से 10:42 बजे तक लाभ-उन्नति मुहूर्त है, सुबह 9:20 से 10:42 बजे तक अमृत मुहूर्त है और शाम 5:00 से 6:08 बजे तक भगवान विष्णु जागरण मुहूर्त है।
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