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धर्म संसद को लेकर पुलिस और महामंडलेश्वर में बढ़ी रार
गाजियाबाद। शिवशक्ति धाम में 17-18 को होने वाली धर्म संसद को लेकर पुलिस और महामंडलेश्वर के बीच खींचतान शुरू हो गई है। बृहस्पतिवार को मसूरी थानाध्यक्ष आरसी पंत ने टीम के साथ मंदिर पहुंचकर यति नरसिंहानंद गिरि को धर्म संसद आयोजित ना करने का आदेश सुनाया। इतना ही नहीं धर्म संसद की तैयारी बैठक भी मंदिर में आयोजित ना करने का आदेश दिए। यति नरसिंहानंद ने बताया कि पुलिस ने आदेश ना मानने पर परिणाम भुगतने की भी धमकी दी है। साथ ही इस कार्यक्रम को किसी भी कीमत पर आयोजित ना होने देने की धमकी दी है। उन्होंने बताया कि एक नोटिस भी दिया गया है, जिसका उत्तर भी मौके पर ही पुलिस को दे दिया गया है। महामंडलेश्वर ने नोटिस का लिखित जवाब दिया है, जिसमें बताया है कि छह नवंबर को होने वाली बैठक उनके कार्यकर्ताओं की है। इसके अलावा धर्म संसद मंदिर का परंपरागत आयोजन है, जो किसी सार्वजनिक स्थल पर नहीं बल्कि मंदिर के अंदर होता है। इस आयोजन के लिये कोई भी अनुमति अपेक्षित नहीं है। उन्होंने पुलिस को इस मामले में हस्तक्षेप ना करने केलिए भी कहा है। पुलिस प्रशासन की इस कार्रवाई से संतों और हिंदू संगठनों में आक्रोश है।
धर्म संसद को लेकर पुलिस और महामंडलेश्वर में बढ़ी रार
गाजियाबाद। शिवशक्ति धाम में 17-18 को होने वाली धर्म संसद को लेकर पुलिस और महामंडलेश्वर के बीच खींचतान शुरू हो गई है। बृहस्पतिवार को मसूरी थानाध्यक्ष आरसी पंत ने टीम के साथ मंदिर पहुंचकर यति नरसिंहानंद गिरि को धर्म संसद आयोजित ना करने का आदेश सुनाया। इतना ही नहीं धर्म संसद की तैयारी बैठक भी मंदिर में आयोजित ना करने का आदेश दिए। यति नरसिंहानंद ने बताया कि पुलिस ने आदेश ना मानने पर परिणाम भुगतने की भी धमकी दी है। साथ ही इस कार्यक्रम को किसी भी कीमत पर आयोजित ना होने देने की धमकी दी है। उन्होंने बताया कि एक नोटिस भी दिया गया है, जिसका उत्तर भी मौके पर ही पुलिस को दे दिया गया है। महामंडलेश्वर ने नोटिस का लिखित जवाब दिया है, जिसमें बताया है कि छह नवंबर को होने वाली बैठक उनके कार्यकर्ताओं की है। इसके अलावा धर्म संसद मंदिर का परंपरागत आयोजन है, जो किसी सार्वजनिक स्थल पर नहीं बल्कि मंदिर के अंदर होता है। इस आयोजन के लिये कोई भी अनुमति अपेक्षित नहीं है। उन्होंने पुलिस को इस मामले में हस्तक्षेप ना करने केलिए भी कहा है। पुलिस प्रशासन की इस कार्रवाई से संतों और हिंदू संगठनों में आक्रोश है।
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