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- The Hump Is Emerging, The Fingers Are Twisting Due To The Mobile, The Ability Of The Brain Is Decreasing.
वॉशिंगटन36 मिनट पहले
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कूबड़ वाली पीठ, मुड़े हुए पंजे और 90 डिग्री तक सीधी कोहनी, छोटा दिमाग और आंखों में पलकों की दोहरी परत। आने वाले समय में इंसानों का शरीर ऐसा ही हो सकता है। टेक्नोलॉजी का जरूरत से ज्यादा इस्तेमाल हमें शारीरिक रूप से भी बदल रहा है। अमेरिका के प्रमुख संस्थानों के विशेषज्ञों के शोध के आधार पर स्मार्टफोन, लैपटॉप और टेलीविजन के ज्यादा प्रयोग से मानव संरचना में संभावित बदलाव पर शोध किया गया। 3डी इमेज भी तैयार किया।
एक ही स्थिति में बैठने से कूबड़ निकलने की आशंका
मैपले हॉलिस्टिक्स की स्वास्थ्य विशेषज्ञ कैलेब बैके कहती हैं दफ्तर के लंबे घंटों और घर में एक ही स्थिति में घंटों बैठे रहने से रीढ़ की हड्डी पर दबाव पड़ता है। इससे पीठ सीधी नहीं रह पाती और झुकने लगती है। सिर को सहारा देने के लिए गर्दन की मांसपेशियों को ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है। लगातार लंबे समय तक ऐसा होने से शरीर उसी हालत को स्वीकार करने लगता है। इससे कूबड़ निकलने की आशंका बढ़ जाती है।
हर समय फोन पकड़े रहने से मुड़ रही हैं उंगलियां
मेड अलर्ट हेल्प की डॉक्टर निकोला कहती हैं, स्मार्टफोन हमारे साथ हर वक्त रहता है। जिस वक्त हम इस्तेमाल नहीं कर रहे होते हैं, तब भी यह हमारे हाथों में होता है। इसे पकड़ने के लिए हमारे पंजे हमेशा एक खास हालत में रहते हैं। इससे उंगलियां मुड़ रही हैं। हमारी कुहनियां हमेशा 90 डिग्री पर स्थिर हो सकती हैं। वैसी ही जैसे मोबाइल से बात करते वक्त रहती हैं। कुहनी के नसों पर लगातार दबाव पड़ने से ऐसा हो सकता है।
जीवनशैली की वजह से दिमाग की क्षमता घट रही
तकनीकि विशेषज्ञ जैसन ओ ब्रायन कहते हैं, हमारी जीवनशैली दिमाग की क्षमता कम कर रही है। तकनीक का आप कितना इस्तेमाल कर रहे हैं, इस पर ध्यान दें। ये आपको कम से कम दिमाग का इस्तेमाल करने को प्रोत्साहित करती है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की वजह से ऐसा हो रहा है। आप कई बार वैसी चीजें देख-सुन रहे होते हैं, जिनकी आपको जरूरत ही नहीं है।
नीली किरणों के लिए दोहरी पलकों का विकास संभव
यूनिवर्सिटी ऑफ टोलेडो की डॉक्टर कसून रत्नायके कहती हैं, डिजिटल डिवाइसों से नीली किरणें सबसे ज्यादा निकलती हैं। इन किरणों से अनिद्रा हो रही है। सिर दर्द और आंखों की रोशनी कम होने जैसी समस्याएं हो रही हैं। इनसे निपटने के लिए हमारा शरीर दोहरी पलकें विकसित कर सकता है। ऐसा रोशनी की अधिकता को रोकने के लिए हो सकता है।
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